पूर्व मंत्री नरेंद्र नाहटा के मुंह से झलका दिल का दर्द Former minister Narendra Nahata's heart ache

पूर्व मंत्री नरेंद्र नाहटा के मुंह से झलका दिल का दर्द


  राजू पटेल की विशेष खबर

मध्य प्रदेश शासन के पूर्व उद्योग मंत्री नरेंद्र नाहटा ने प्रेस को बताया झलका दिल का दर्द,,,

कोरोना की स्थिति जिस तरह देश में बिगड़ रही है , मंदसौर और नीमच कोई अपवाद नहीं है। अस्पतालों में जगह या ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण जैसे लोग अन्यत्र मर रहे है, यहां भी यही हाल है । मौत के सरकारी आंकड़ों और वास्तविकता  में वैसा ही फर्क है जैसा अन्यत्र है।  पर अपने जाते है तो दुःख ज्यादा होता है।  जिस तरह युवा मर रहे है , समझ नहीं आता किस तरह अभिव्यक्त करूँ।  दुःख इस बात का है कि इस दौर में वह गंभीरता देखने को नही  मिल रही जिसकी जरूरत है।  सबको साथ और सबको विश्वास में लेने की जो गंभीर कोशिश होनी चाहिए, वह नहीं दिखती।

कोरोना की स्थिति जिस तरह देश में बिगड़ रही है , मंदसौर और नीमच कोई अपवाद नहीं है। अस्पतालों में जगह या ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण जैसे लोग अन्यत्र मर रहे है, यहां भी यही हाल है । मौत के सरकारी आंकड़ों और वास्तविकता  में वैसा ही फर्क है जैसा अन्यत्र है।  पर अपने जाते है तो दुःख ज्यादा होता है।  जिस तरह युवा मर रहे है , समझ नहीं आता किस तरह अभिव्यक्त करूँ।  दुःख इस बात का है कि इस दौर में वह गंभीरता देखने को नही  मिल रही जिसकी जरूरत है।  सबको साथ और सबको विश्वास में लेने की जो गंभीर कोशिश होनी चाहिए, वह नहीं दिखती।

समय रहते कुछ नहीं करने का पश्चाताप , अपराध बोध तो आपके व्यवहार में दिखे। इन मौतों  का अफ़सोस तो आपकी भाषा में  दिखे। मंदसौर में 50 ऑक्सीजन मशीने अब आरही है।  नीमच में 50 , मनासा  में 30 बस आने ही वाली है।  हम सब जानते है अब मशीने मिलना मुश्किल है , फिर यह झूंठी दिलासा क्यों?   ऐसी बातें क्यों? मंदसौर का ऑक्सीजन प्लांट कल चालू हुआ परसो चालु हुआ , कह कर एक महीना निकाल लिया।  मै उस साल की तो बात ही नहीं कर रहा जो हमारी निष्क्रियता से  गुजर गया।  

24 घंटे बगैर सोये , ऑक्सीजन टेंक  का ड्राईवर ऑक्सीजन लेकर इंदौर पहुँचा, सुना दो घंटे  पूजा होती रही।  नेतागिरी चमकाने का यह तरीका शेष रह गया ? हाई कोर्ट , चाहे किसी भी राज्य की हो , के निर्णयों की तल्खी देखिये।   पर हम है कि......  .l विधायक जी दावा कर रहे है  तीन घंटे,  जी हाँ ती s s s न घण्टे  , उनने डीन  मेडिकल कॉलेज से बात की।  डीन   साहब आप भी यह नहीं कह सकते थे  कि यह समय मरीजों के लिए है।  लोग आपके दरवाजे पर मर रहे है औरआप  तीन घंटे  कौनसी चर्चा कर रहे थे ।  मै   नहीं लिखता  पर उस सड़क पर रहता हूँ जहा से लाशों को गुजरते हुए देखता हूँ।  उन युवा लड़को की मौत की खबरे सोशल मीडिया  पर देखता हूँ जिन्हे जिंदगी में बहुत देखना बाकी था।  उनके मासूम बच्चे अब बूढ़े माँ बाप की जवाबदारी हो गए। किसी  घर में केवल विधवा रह गई किसी घर में केवल मासूम बच्चे।  हमारी आत्मा कितनी मर गई है कि हम 50 मशीन अब आई ऐसे कह रहे है कि किसी चुनावी सभा में बोल रहे हों।  

मुझ पर नाराज मत होइए , यह केवल मेरा नहीं हर उस नागरिक का दर्द है जिसमे संवेदनशीलता जिन्दा है। और उससे बढ़ कर उन मां  बाप का दर्द है जिन्हे अब आपकी मशीने , ऑक्सीजन प्लांट कोई काम नहीं आएंगे।  मैंने पहले भी लिखा , डॉक्टरों को अपना काम करने दो।  अपने फोटो के लिए उन्हें मरीजों से हटा कर लाइन मे खड़ा मत कीजिये। यदि कुछ करना ही चाहे तो उन्हें साधन दिला दीजिये।  हर एम् एल ए ,हर मंत्री रोज मुख्य मंत्री जी से बात कर रहा है।  मानो मुख्य मंत्री जी बस यही कर रहे हो।  बात नहीं , परिणाम चाहिए।  फिर कहता हूँ डॉक्टरों  को काम करने दीजिये। 

हाथ जोड़ कर ए.क निवेदन कर रहा हूँ अपनी विधायक निधि , अपनी सांसद निधि पूरी की पूरी अस्पतालों पर खर्च कर दीजिये. एक करोड़ विधायक का , 60 लाख प्रति विधान सभा ,सांसद जी का , अस्पतालों और मरीजों में लगाइये। 

सिक्ख समाज से सीखिए।  हर  आपदा में उनने मंदिर का धन पीड़ितों के लिए लगा दिया।  पिछली बार सारे गुरुद्वारों में लंगर चल रहे थे।  केवल दिल्ली के गुरुद्वारा बगला साहब में करीब 60 हज़ार व्यक्तियों का भोजन रोज बन रहा था। गुरुद्वारे अस्पताल बन गए थे।  इस बार स्वर्ण मंदिर से सारे पंजाब के लिए पी पी ई  किट और दूसरी व्यवस्थाएं हो रही है।  क्या हम पशुपतिनाथ , भादवा माता , दूधाखेड़ी माताजी , हुसैन टेकरी, जैनमंदिर  और जहां पैसा हो  उनका पैसा मरीजों के लिए नहीं लगा सकते। अधिकाँश जगह कलेक्टर ही तो प्रशासक है।  भगवान् में आस्था हो तो मानिये , इन  गरीबों पर लगाया पैसा कल दुगना होकर लौटेगा।  स्वर्ण और रजत जड़ित मंदिरों से ऑक्सीजन सज्जित अस्पताल ज्यादा सुन्दर उपासना स्थल होंगे। सोचिये। 

मनासा के संपर्क में रहा हूँ।  उन सब दान दाताओ का धन्यवाद जो  अपने हाथ में व्यवस्था लेने की कोशिश कर रहे है। कुछ निजी चिकित्सकों से बात की , वे कोविड  सेंटर के लिए समय देने को तैयार है।  सबका कहना है ऑक्सीजन दिला दीजिये।  कलेक्टर साहब मनासा का कोविड  सेंटर जनता चला लेगी. इतना तो कर दीजिये कि ऑक्सीजन मिल जाए।  मेहरबानी कीजिये। 

बोहरा समाज से एक निवेदन।  मैंने एक मेल हिज होलीनेस को बद्री महल मुंबई किया है। मैंने निवेदन किया है कि रामपुरा अस्पताल की  व्यवस्था आप करवा दें।  रामपुरा के आमिल साहब और प्रतिष्ठित बोहरा नागरिकों से निवेदन है कृपया मेरी बात को आगे बढ़ाइए। वे तो बहुत कुछ कर सकते है मैंने तो केवल रामपुरा अस्पताल के लिए आग्रह किया है। यह आलोचना नहीं , मन का दर्द है।  इस लड़ाई में हम आपके साथ है ।  नेता और प्रशासन बताये , हमसे क्या अपेक्षा है।   पर जागिये।

 

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