मानवता की मिसाल – वृद्धाश्रम के प्रथम वर्ष पूर्ण होने पर संस्थान ने मनाई खुशी The institute celebrated the completion of the first year of the old age home
मानवता की पहचान संस्था द्वारा स्कीम 74 विजय नगर में संचालित वृद्ध आश्रम का एक वर्ष हुआ पूर्ण।
इंदौर/मानवता का आश्रय नाम से संचालित यह आश्रम 10 बेड की कैपेसिटी वाला है जहां पर बुजुर्गों की सुविधाओं के लिए हर आवश्यक वस्तु एवं उपकरण उपलब्ध हैं। पारिवारिक और आध्यात्मिक वातावरण वाले इस आश्रम में बुजुर्गों के लिए दैनिक दिनचर्या के साथ योग, मनोरंजन धार्मिक आयोजन भी संस्था द्वारा समय समय पर कराए जाते रहते हैं। यहां रहने वाले बुजुर्ग बताते हैं कि यह आश्रम हमारे लिए वृद्ध आश्रम नहीं बल्कि हमारा घर ही है, आगे बताते हैं कि यहां हर वक्त कोई गतिविधि चलती रहती है जिससे हमारा मन लगा रहता है एवं मानवता की पहचान संस्था के सभी कार्यकर्ता हमें अपने माता - पिता के समान आदर और स्नेह देते हैं जिससे हमें यहां अपनापन महसूस होता है और इस आश्रम में रहना हमारे लिए बोझ नहीं खुशी का विषय बन जाता है।
मानवता की पहचान संस्था के अध्यक्ष अनुराग सचदेव बताते हैं कि जब यह आश्रम शुरू किया था तब बुजुर्गों को पारिवारिक माहौल के साथ एक सम्मानजनक जीवन देना लक्ष्य था जो आज हम सभी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर कर रहे हैं। अनुराग आगे बताते हैं कि इस आश्रम में बुजुर्गों को आश्रय प्रदान करने के साथ पुनर्वास का भी प्रयास किया जाता है जिसमें बुजुर्गों और परिवारजनों की काउंसलिंग की जाती है और इस प्रकार अभी तक 28 बुजुर्गों को उनके परिवार से इस आश्रम के माध्यम से मिलाया जा चुका है
एवं पुनर्वास के बाद फॉलोअप के माध्यम से भी समय समय पर परिवार के साथ रह रहे बुजुर्गों के हाल समाचार लिया जाता है। अनुराग आगे बताते हैं कि सामाजिक सहयोग से चल रहे इस आश्रम में दानदाताओं और सहयोगियों का अपार स्नेह बुजुर्गों के लिए देखने को मिलता है जिसके माध्यम से इस एक वर्ष में बुजुर्गों के लिए कभी किसी कमी या दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ा। वृद्ध आश्रम से संबंधित जानकारी देने के साथ अनुराग ने सभी सहयोगियों और दानदाताओं को बुजुर्गों के प्रति उनके स्नेह के लिए धन्यवाद भी ज्ञापित किया। आगे संस्था के उपाध्यक्ष पंकज अहिरवार बताते हैं कि बुजुर्गों की सेवा के साथ ही संस्था द्वारा अन्य कई सेवा कार्य भी संचालित किए जाते हैं। जिसमें मुख्य तौर पर रक्तदान से लोगों का जीवन बचाना एवं बस्ती के गरीब बच्चों को शिक्षा देना, पर्यावरण संरक्षण तथा आपातकालीन सेवा आदि शामिल हैं। पंकज बताते हैं कि जरूरतमंदों को इंदौर शहर में 24×7 रक्त उपलब्धता के साथ मानवता की पहचान संस्था ने रक्तदान के क्षेत्र में दो विश्व रिकॉर्ड भी बनाएं हैं जिनमें 2022 में एक ही स्थान पर 951 लोगों का रक्तदान करवाने से लेकर जून 2025 में एक ही दिन में संपूर्ण इंदौर शहर में 15 रक्तदान शिविरों का आयोजन शामिल है। पंकज बताते हैं वृद्ध सेवा और रक्तदान के साथ संस्था शिक्षा के क्षेत्र में भी योगदान दे रही है, बस्ती के गरीब बच्चों को कार्यकर्ताओं द्वारा नियमित शिक्षा और संस्कार देने के साथ प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन करना और बच्चों की पढ़ाई की सभी जिम्मेदारी संस्था द्वारा उठाई जाती है। ऐसी 4 बस्तियों में संस्था द्वारा बच्चों को पढ़ाया जाता है एवं पर्यावरण तथा योग के लिए भी संस्था द्वारा सेवा कार्य किए जाते हैं। पंकज बताते हैं कि संस्था द्वारा समाजसेवा के लिए कई अभियान भी चलाए गए जैसे सरकारी स्कूलों के मेधावी छात्रों के प्रोत्साहन के लिए मानवता का बस्ता अभियान, बस्ती के लोगों की दीवाली खुशियों से भरने के लिए मानवता की दिवाली अभियान, पर्यावरण संरक्षण के लिए रेड लाइट ऑन इंजन ऑफ अभियान, बेजुबान जानवरों के लिए बेजुबान की रोटी अभियान आदि अनेकों अभियान के माध्यम से समाज सेवा का कार्य मानवता की पहचान संस्था द्वारा किया गया है एवं निरंतर यह जारी है। पंकज बताते हैं कि कोविड काल में भी संस्था द्वारा सक्रियता से सेवा कार्य किए गए।
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