मुकेश मालवीया दबंग देश
हरसूद/ रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हरसूद खंड द्वारा स्थानीय स्टेडियम ग्राउंड में आयोजित युवा संगम कार्यक्रम सम्पन्न हुआ युवा संगम केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि युवा चेतना, संगठन शक्ति, राष्ट्र सेवा और सांस्कृतिक गौरव का विशाल संगम बनकर सामने आया। हरसूद तहसील के लगभग 50 गांवों से पहुंचे सैंकड़ों युवाओं ने इस आयोजन को ऊर्जा, अनुशासन और एकजुटता से भर दिया।
इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य युवाओं को राष्ट्र निर्माण की मुख्य धारा से जोड़ना, उनमें संगठन की ताकत का बोध कराना तथा भारत माता के प्रति कर्तव्य, सम्मान और समर्पण की भावना को और प्रखर बनाना था।
सुबह शाखा से प्रारंभ—शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन का अभ्यास
कार्यक्रम का आरंभ सुबह 11 बजे शाखा गतिविधियों से हुआ। संघ की शाखा सदैव से अनुशासन, समय पालन और सामूहिकता का सर्वोत्तम उदाहरण मानी जाती है। दो घंटे चली शाखा में युवाओं ने—
योग और प्राणायाम
दण्ड और व्यायाम योग
खेल प्रतियोगिताएं
सामूहिक गीत प्रार्थना एवं राष्ट्रीय ध्वज प्रणाम
अनुशासनात्मक अभ्यास
के माध्यम से स्वयं को संयमित, संगठित और ऊर्जावान बनाया।
इन अभ्यासों का उद्देश्य युवाओं में मानसिक संतुलन, शारीरिक दृढ़ता, और आध्यात्मिक जागरूकता विकसित करना रहा, जो युवा संगम की आत्मा भी है।
50 गांवों से उमड़ी युवा शक्ति—संगठन की विराटता का परिचय।
हरसूद खंड के गांवों से बड़ी संख्या में स्वयंसेवक कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। उनकी एकरूपता, अनुशाशन और उत्साह ने सभागार में एक अद्भुत ऊर्जा उत्पन्न की। कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख पदाधिकारियों में
खंड कार्यवाह गोपाल जी वैष्णव,
डेविड जी हिरे,आशीष जी अकारे,कार्तिक पटेल, मनोज जी गौर
सहित अनेक वरिष्ठ स्वयंसेवक और संघ पदाधिकारी उपस्थित रहे।
युवाओं के इस विशाल समागम ने यह संदेश दिया कि ग्रामीण क्षेत्रों में संघ का कार्य केवल फैल नहीं रहा, बल्कि गुणात्मक रूप से मजबूत हो रहा है।
विभाग प्रचारक विजेंद्र जी गोठी का प्रखर व प्रेरणादायी बौद्धिक।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण विभाग प्रचारक विजेंद्र जी गोठी का गहन, सारगर्भित और अत्यंत प्रेरक बौद्धिक सत्र रहा। उनके संबोधन ने उपस्थित युवाओं के मन-मस्तिष्क को राष्ट्रभक्ति से ऊर्जा से भर दिया। उन्होंने कहा
“उठो जवानों! हम भारत के स्वाभिमान के सरताज हैं।” -विजेंद्र जी
विजेंद्र जी गोठी जी ने अपने वक्तव्य में निम्न महत्वपूर्ण बातें कही भारत को विश्व गुरु बनाने का समय आ चुका है।इस लक्ष्य की पूर्ति युवा शक्ति के बिना संभव नहीं। स्वामी विवेकानंद ने जिस युवा भारत का सपना देखा था, उसे आज के युवाओं को ही पूरा करना है संगठित युवा किसी भी समाज और राष्ट्र की सबसे बड़ी शक्ति होते हैं। राष्ट्र निर्माण केवल विचार से नहीं, कर्तव्य पालन और निरंतर कार्य से होता है।उनके उद्बोधन में एक स्पष्ट संदेश था युवा शक्ति जागृत हो तो राष्ट्र स्वतः उन्नत होता है। युवाओं में संगठन शक्ति, राष्ट्र प्रेम और कर्तव्य बोध को मजबूत करने पर विशेष जोर युवा संगम का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह रहा कि कार्यक्रम के सभी सत्रों में युवाओं को संगठन की महत्ता, सामूहिकता की ताकत, राष्ट्र प्रेम की पवित्रता, तथा भारत माता के प्रति अपने कर्तव्य बोध बारे में स्पष्ट और गहन संदेश दिया गया।

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