आजादी के बाद जितना गोचर बर्बाद हुआ उतना मुगलों,अंग्रेजों के शासनकाल में भी नहीं हुआ स्वामी गोपालानंद सरस्वती After independence, the amount of pasture land was destroyed which did not happen even during the rule of Mughals and British – Swami Gopalanand Saraswati

 आजादी के बाद जितना गोचर बर्बाद हुआ उतना मुगलों,अंग्रेजों के शासनकाल में भी नहीं हुआ स्वामी गोपालानंद सरस्वती

दबंग देश । मनोज कुमार माली सुसनेर.

सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री  डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन वर्ष 2081 चैत्र शुक्ला प्रतिपदा 09 अप्रैल 2024 से  घोषित गो रक्षा वर्ष  के के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ग्राम पंचायत ननोरा,

सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री  डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन वर्ष 2081 चैत्र शुक्ला प्रतिपदा 09 अप्रैल 2024 से  घोषित गो रक्षा वर्ष  के के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ग्राम पंचायत ननोरा,

 श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर स्थित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य में चल रहें *एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 59वें दिवस पर गोकथा में पधारे श्रोताओं को  ग्वाल सन्त गोपालानन्द सरस्वती महाराज ने संबोधित करते हुए कहां कि आज न्याय के देवता शनिदेव महाराज ने प्रगट होकर लोक कल्याण के कही कार्य किए है। 

सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री  डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन वर्ष 2081 चैत्र शुक्ला प्रतिपदा 09 अप्रैल 2024 से  घोषित गो रक्षा वर्ष  के के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ग्राम पंचायत ननोरा,

शनिदेव को सामान्य उग्र देव के रूप में जाना जाता है,लेकिन वस्तुत छायादेवी के पुत्र शनि सौम्य है,कृपालु एवं दयालु है। अगर थोड़े से भाव से उन्हें याद करले तो वह हमारी समस्त समस्याओं का समाधान कर दुःख से मुक्ति है। 

सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री  डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन वर्ष 2081 चैत्र शुक्ला प्रतिपदा 09 अप्रैल 2024 से  घोषित गो रक्षा वर्ष  के के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ग्राम पंचायत ननोरा,

स्वामीजी ने आगे बताया कि भगवान सूर्य एवं छायादेवी के पुत्र व श्रीकृष्ण के परम भक्त  और न्याय के देवता ,ये चार बातें जिनके साथ हो वह भला उग्र कैसे हो सकते है, क्योंकि भगवान कृष्ण के परम भक्त शनिदेव जिनका भगवती गोमाताजी से सीधा सम्बन्ध है, वह उग्र नही सौम्य रहेंगे। 

फिर एक दूसरी रीति से भी सम्बन्ध है अर्थात गो सूर्य की शिष्य है और सूर्य शनिदेव के पिता है इस नाते भी गो का सम्बन्ध शनि के साथ होने के कारण शनि में वात्सल्य एवं करुणा स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। इसलिए शनिदेव को प्रसन्न करने का सबसे सुन्दर तरीका है 

भगवती गोमाता की सेवा और आज के दिन गोमाताओ को हरा चारा, काले तिल, गुड़ खिलाने से शनिदेव प्रसन्न रहते है और उन पर साढ़े साती एवं ढईया का कोई प्रभाव नहीं होता है। शनि जयंती को गोशाला एवं गोमाता के लिए किया गया दान बहुत फलदाई होता है। 

 स्वामीजी ने आगे बताया की पूर्व में गोप्रेमी शासक होने के कारण  प्रजा सुखी थी क्योंकि वे सबसे पहले गोमाता की सेवा करते थे और अपने राज्य में गोचारण के लिए गोचर रखते थे लेकिन जब से भारत में लोकतंत्र आया तब से यहां के गोचर नष्ट हो गए है ।

 अर्थात् भारत में 600 वर्षों तक मुगलों ने 200 वर्षो तक अंग्रेजो ने राज किया लेकिन उन्होंने भारत के गोचर के साथ कोई छेड़कानी नहीं की लेकिन आजादी के इन 75 सालों में सभी गोचर भूमि अपने रसूखदारों को आवंटित कर दी है जिसके कारण गोमाता को दर दर भटकना पड़ रहा है।

 जिसके फलस्वरूप आज हम सब भी दुःख झेल रहें है इसलिए समाज एवं शासन को सबसे पहले गोचर भूमि को मुक्त करने के लिए पहल करने की आवश्यकता है। महामहोत्सव में माते श्री सेवा संगठन उज्जैन से पधारे संत अजय चौहान बाबा ने सभी से आह्वान किया कि अब प्रत्येक ग्राम को गो ग्राम बनाने की आवश्यकता है अर्थात गांव के प्रत्येक घर में गाय बंधे।

 59 वें दिवस पर चुनरी यात्रा हरियाणा, राजस्थान एवं मध्यप्रदेश राज्यों की ओर से :-क वर्षीय गोकृपा कथा के 59 वें दिवस पर हरियाणा के हिसार जिले के लाडली ग्राम के राममूर्ति चौधरी एएसआई के परिवार राजस्थान के राजसमंद जिले की भीम से

 एडवोकेट ललित टेलर के परिवार एवं मध्यप्रदेश के आगर जिले की सुसनेर तहसील के बायरा ग्राम के ठाकुर भगवानसिंह पटेल, शिवसिंह, केलाशसिंह, ईश्वरसिंह, दरबारसिंह,रामसिंह, अनारसिंह, गंगाराम, गोवर्धनसिंह, नारायणसिंह सरपंच एवं सुसनेर तहसील के खेराना ग्राम के पंचपटेल हटेसिंह तंवर, नगजीराम सोलंकी, एलकारसिंह, राधेश्याम, रूगनाथसिंह, मुकेश, राहुल, नारायणसिंह, हेमराज,

 दिलीप, अरुण एवं सागरसिंह सहित ग्राम की सेंकड़ों मातृशक्ति ,युवा एवं  प्रबुद्धजन अपने ग्राम की कुशहाली एवं जन कल्याण के लिए सम्पूर्ण ग्राम की ओर से  गाजे बाजे के साथ विशाल चुनरी यात्रा, गो भंडारा एवं छपन्नभोग सामग्री लेकर  कामधेनु गो अभयारण्य मालवा परिसर में पधारे और कथा मंच पर पहुंचकर गोमाता को चुनरी ओढ़ाकर

 गोमाता का पूजनकर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन, गोपुष्ठि यज्ञ करके यज्ञशाला की परिक्रमा कर उसके बाद सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।

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