पंडालों में विराजी मां जगत जननी जगदंबा की प्रतिमा मंदिरों में प्रज्वलित हुई अखण्ड ज्योत
तीन रूप में दर्शन देती है मां जयंती माता
मुकेश खेड़े दबंग देश |
बड़वाह - माँ शक्ति की आराधना का पर्व शारदीय नवरात्रि रविवार से प्रांरभ हुआ । ढोल-धमाके के साथ नगर की दुर्गा उत्सव समिति सदस्य मां दुर्गाजी की प्रतिमा पांडाल तक लेकर गए। जहा शुभ मुहूर्त में माताजी का पूजन कर विधि-विधान से स्थापना की । देवी मां को सुसज्जित भव्य पांडालों में विराजित किया। यह सिलसिला सुबह से देर शाम तक चलता रहा। नगर में अनेक मित्रमंडली के तत्वाधान में देवी का भव्य चल समारोह निकाला गया। डीजे व ढोल-ताशे पर युवा सहित युवती-महिलाएं थिरकती नजर आई।वही मां दुर्गा जी के मंदिरों में घटस्थापना के साथ अखंड ज्योत प्रज्वलित की गई।
तीन रूप में दर्शन देती है मां जयंती माता
नवरात्रि के प्रथम दिन सुबह मां जयंती माता की महाआरती में सैकड़ों श्रद्धालु जयंती माता मंदिर पहुंचे। अलसुबह से ही श्रद्धालु पैदल मंदिर पहुंचे । सुबह 6 बजे तक मंदिर परिसर में लम्बी कतार देखने को मिली ।उल्लेखनीय है की बड़वाह के समीप मां जयंती माता का दरबार वैसे तो पूरे निमाड़ और मालवा क्षेत्र में जाना जाता है ।लेकिन माता के इस दरबार में जहा प्रर्तिदिन कम भक्तो का आना होता है ।वही नवरात्रि के नौ दिन यहा भक्तो की संख्या का आंकड़ा हजारों में होते है ।
नवरात्रि के प्रथम दिवस होने वाली जयंती माता की महाआरती में सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।इस मंदिर में विराजित मां जयंती माता दिन में तीन रूप में दर्शन देती है। सुबह माता बाल स्वरूप कन्या के रूप में दर्शन देती है, तो दोपहर में माता युवा रूप में नजर आती है, वही संध्या के समय माता प्रौढ़ रूप व्रद्ध स्वरूप में दर्शन देती हैं। मंदिर के पुजारी पं. रामस्वरूप शर्मा और सेवादार पंडित महेंद्र शर्मा ने बताया कि प्रथम दिन प्रातःकालीन माताजी का विशेष श्रृंगार व महाआरती सुबह 6 बजे की गई ।
दोपहर मध्यान्ह में 12 बजे भोग और आरती एवं प्रतिदिन सायंकालीन शयन आरती रात्रि 8:30 बजे की जायेगी । वही प्रतिदिन माताजी का विशेष श्रृंगार व पूजन किया जाएगा। आगे मंदिर का इतिहास बताते हुए कहा कि प्राचीन काल से ही मां भगवती तीन स्वरूपों में दर्शन देती है। यह माताजी की प्रतिमा पांडव कालीन है, पांडव जब वनवास में थे तब यहा उन्होंने माताजी का पूजन किया था। माता जयंती गुफा के अंदर विराजमान है।जिनके दर्शन के लिए प्रतिदिन स्थानीय और बाहरी कई क्षेत्रों से भक्तो का आना जाना लगा रहता है ।
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