नवरात्रि विशेषः- तनोड़िया में आस्था के प्रतीक प्राचीन लाल माता मंदिर पर नवरात्रि में श्रद्धालुओं का लगा रहता है तांता। Navratri Special: - The ancient Lal Mata temple, a symbol of faith in Tanodiya, is thronged by devotees during Navratri.

 नवरात्रि विशेषः- तनोड़िया में आस्था के प्रतीक प्राचीन लाल माता मंदिर पर नवरात्रि में  श्रद्धालुओं का लगा रहता है तांता।

तनोड़िया से जब भी अंग्रेजो की टुकडी निकलती तो माता को नमन अवश्य करती। 

सुनील कवलेचा दबंग देश आगर मालवा

आगर मालवा जिला मुख्यालय से महज 16 किमी दुर तनोडिया में प्रसिद्ध लालबाई माता का मंदिर गांव के पश्चिमी छोर पर पिपलोन कला रोड पर स्थित है माता जी की प्रतिमा 600 वर्ष से भी अधिक पुरानी बताई जाती है। मान्यता है कि माताजी वर्तमान मंदिर के पीछे स्थित एक वृक्ष से प्रकट हुई थी । नगर में नौ देवियों का वास है लाल माता फूलबाई ,करणी माता ,वाक वेराई माता ,हरसिद्धि माता, खोडियाल मां ,चामुंडा मां ,खोखा माता ,शीतला माता आदि माता मंदिर है । 

लाल माता के बारे में कई कथाएं प्रचलित है 

अंग्रेजों के शासन काल में जब आगर में सैनिक छावनी थी तब एक घटना के अनुसार एक अंग्रेज कैप्टन घूमता हुआ माता जी के मंदिर पहुंचा उस समय मंदिर में देवी की जत्रा चल रही थी उसने लोगों से पूछा यह क्या हो रहा है लोगों ने बताया यह देवी मां है सर्वज्ञ है सब बता सकती हैं अंग्रेज कैप्टन ने पूछा घोड़ी के पेट में क्या है? तब मां ने बताया घोड़ी के पेट में जो बच्चा है उसके चारों पैर सफेद हैं और माथे पर पान की आकृति बनी हुई है ,अंग्रेज ने तुरंत रिवाल्वर निकाली और घोड़ी को गोली मार दी और एक व्यक्ति को बुलाकर पेट चिराया वह यह देखकर हैरान रह गया कि सचमुच बच्चे के पैर मां के बताए अनुसार थे ।कैप्टन मां को नमन कर चला गया ,इसके बाद जब भी अंग्रेजी सैनिक टुकड़ियां तनोडिया से निकलती तो लाल माता को नमन अवश्य करती थी। 

नवरात्रि विशेषः- तनोड़िया में आस्था के प्रतीक प्राचीन लाल माता मंदिर पर नवरात्रि में  श्रद्धालुओं का लगा रहता है तांता। Navratri Special: - The ancient Lal Mata temple, a symbol of faith in Tanodiya, is thronged by devotees during Navratri.

नवरात्रि में मां के दर्शन के लिये दूर-दूर से आते हैं भक्त,माता पूर्ण करती है मन्नते।

आस्था के प्रतीक प्राचीन लाल माता मंदिर पर वर्ष भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है तनोड़िय निवासी राजेश राव ने बताया कि मंदिर में जब भी किसी को माताजी निकलती है तो दूरदराज के श्रद्धालु आकर माथा टेकते हैं तथा इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को माता का नाम लेने से ही राहत प्राप्त होती है । रोज मंदिर से कई लोग नीर एवं विभूति लेकर जाते हैं और पीड़ितों को खिलाई जाती है जिससे  पीड़ित व्यक्ति शीघ्र ही स्वस्थ हो जाता है । वही मंदिर में कई निःसंतान दंपत्ति संतान प्राप्ति की आस में आकर माता से मन्नत मांगते हैं जो माता पूर्ण भी करती है।

लालमाता मंदिर के पुजारी मेहरबान चौधरी एवं श्याम चौधरी ने बताया कि हमारा परिवार  सात पीढ़ियों से माता की सेवा करते आ रहे है। मंदिर से जुड़े कई चमत्कार है। यहां आने वाले हर भक्त की मनोकामना माँ पूर्ण करती है।

एक अन्य कथा बुजुर्गों के अनुसार 40 के दशक में माता की सेवा करने वाले पुजारी स्वर्गीय बृजलाल चौधरी बताया करते थे कि रियासत काल में तत्कालीन जागीरदार परिवार के प्रमुख कि लश्कर ग्वालियर की कचहरी में जमीन संबंधी पेशी थी। वह समय नवरात्रा का था ,नवरात्रि के दिनों में जागीरदार परिवार की ठकुराइन ने मां से प्रार्थना कर कहा कि आप की पूजा करने वाला तो पेशी पर सैकड़ों मील दूर बैठा है अब मैं कैसे आपकी पूजा पूर्ण करूं ? इस करुण पुकार पर लाल माता ने लश्कर में मामले की सुनवाई करने वाले जज को सोते से जगाया और कहा कि तेरी कचहरी में तनोडिया के जागीरदार की पेशी है उसे छोड़ देना । मना करने पर मां ने शेर पर सवार त्रिशूलधारी रूप दिखाया ।दूसरे दिन जज ने जागीरदार को कचहरी में बुलाकर मां का रूप का वर्णन करते हुए कहा तनोडिया गांव में लालबाई देवी है उन्होंने तुम्हे छोड़ देने का आदेश दिया है ।तब जागीरदार ने वहां से आकर मां की पूजा अर्चना कर नमन किया। तनोडिया के समीप थडोदा गांव में है बहन फुलबाई माता का मंदिर। 

श्री लाल माता मंदिर से थोड़ा आगे थड़ौदा ग्राम के निकट फूलबाई माता का मंदिर स्थित है इसके बारे में कहा जाता है कि श्रीलालबाई ,श्री फूलबाई दोनों बहने हैं । एक और किस्से के अनुसार 1945 व 1946 के समय बारिश के सीजन में सभी ओर भयंकर बीमारियों का प्रकोप हुआ था लेकिन लाल माता की कृपा के चलते तनोडिया क्षेत्र में एक भी व्यक्ति बीमारी से ग्रस्त नहीं हुआ जबकि आसपास के इलाकों में जानलेवा बीमारियों से सैकड़ों मौत हुई थी।आज भी सभी धर्म सम्प्रदाय के लोग बच्चों में माता चेचक रोग निकलने पर मंदिर से नीर ले जाते है जिसे पिलाने से ही राहत मिलती है ऐसे ही अनेक किस्से माता के चमत्कार के प्रचलित है।

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