Top News

जनता जो कहेगी वह करूंगा या तो विजय या वीरगति -हर्षवर्धन I will do whatever the public says, either victory or martyrdom - Harsh Vardhan

 जनता जो कहेगी वह करूंगा या तो विजय या वीरगति -हर्षवर्धन

 निर्दलीय प्रत्याशी हर्षवर्धन का शक्ति प्रदर्शन-संजय नगर से निकाली रैली, शहर में करीब साढ़े 5 किमी घूमी रैलीगांधी चौक में आयोजित हुई सभा, हजारों की संख्या में पहुंचे लोग

बुरहानपुर। 2 बार भाजपा से प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान के बेटे हर्षवर्धन सिंह चौहान निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। 26 अक्टूबर को उन्होंने मुर्हूत का फॉर्म भरा था। सोमवार को नामांकन के आखिरी दिन शक्ति प्रदर्शन करके दिखाया।

निर्दलीय प्रत्याशी हर्षवर्धन का शक्ति प्रदर्शन-संजय नगर से निकाली रैली, शहर में करीब साढ़े 5 किमी घूमी रैलीगांधी चौक में आयोजित हुई सभा, हजारों की संख्या में पहुंचे लोग

निर्दलीय प्रत्याशी हर्षवर्धन सिंह चौहान की रैली संजय नगर से प्रारंभ होकर शिकारपुरा, महाजनापेठ, तिलक चौराहा, पांडुमल, राजपुरा, डाकवाली, न्यामतपुरा, शनवारा, जय स्तंभ, इकबाल चौक, सुभाष चौक गांधी चौक पहुँची। करीब साढ़े 5 किमी की रैली में काफी संख्या में लोग शामिल हुए। इसके बाद गांधी चौक पर सभा हुई।

निर्दलीय प्रत्याशी हर्षवर्धन का शक्ति प्रदर्शन-संजय नगर से निकाली रैली, शहर में करीब साढ़े 5 किमी घूमी रैलीगांधी चौक में आयोजित हुई सभा, हजारों की संख्या में पहुंचे लोग

इस दौरान हर्षवर्धन ने कहा- एहसान मेरे दिल पे तुम्हारा है दोस्तो यह दिल तुम्हारे प्यार का मारा है दोस्तों। रैली निकालने का यह मकसद था कि मैं चुनाव लड़ रहा हूं। मेरे पूज्य पिताजी न 45 साल अपना खून पसीना बहाकर भाजपा को खड़ा किया और हमने मांगा ही क्या था। नंदु भैया के प्रति शहर की जनता का प्रेम, स्नेह है। एक परिपाटी है कि परिवार से टिकट दिया जाता है, लेकिन नंदु भैया के स्वर्गवास के बाद आप लोग ही मेरे पास आए थे और कहा था

 कि आप चुनाव लड़ो हम आपका सपोर्ट करेंगे, लेकिन मैंने पार्टी से कुछ नहीं कहा। एक बार टिकट नहीं दिया कोई बात नहीं मैंने 11 साल काम किया। लोग कहते थे अनुकंपा नियुक्ति नहीं होगी। कार्यकर्ता बनकर काम किया मैंने। यहां की जनता मुझे जानती है। फिर मेरे मन में विचार आया कि जनता जो कहेगी वह करूंगा या तो विजय या वीरगति। 

अब रण में उतरा हूं तो पीछे हटुंगा नहीं। चुनाव आप लड़ रहे हो। मुझे तो महसूस ही नहीं हो रहा है कि मैं चुनाव लड़ रहा हूं। इस जिले में एक ही शेर था नंदकुमार सिंह चौहान जिनकी रैली में इतनी भीड़ नजर आती थी। शालीनता से चुनाव लड़ना है। जिस शालीनता से पूज्य पिताजी लड़ा करते थे।विधानसभा में कंचे खेलने नहीं जाउंगा, जीतुंगा तो काम करूंगा

उन्होंने हर्षवर्धन ने कहा-कोई योजना बंद होने वाली नहीं है। लोग बहकाएंगे उनके बहकावे में मत आना। लोग कहेंगे कि नंदू भैया का बेटा ही खड़ा हुआ है। मामा तो देता ही रहेगा आपका भाई देगा। मैं विधायक बनकर जाउंगा तो विधानसभा में कंचे नहीं खेलने वाला लोगों के लिए काम करूंगा जो मेरे पूज्य पिता जी ने 45 साल से किया है। उन्होंने कहा- तिनका हूं पर दरिया से लड़ रहा हूं मुझे बचाना अब समुंदर की जिम्मदारी है। दुआ करना सलामत रहे हौंसला, यह एक चिराग कईं आंधियों पर भारी है। पूरे प्रदेश से फोन आ रहे हैं कि भैया हम खुलकर नहीं बोल सकते, लेकिन अंदर से समर्थन है। नंदु भैया को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी।

मुझे कोई फिक्र नहीं मुझे पब्लिक ने टिकट दियाहर्षवर्धन ने कहा मुझे चिंता फिक्र नहीं है। मुझे पब्लिक ने टिकट दिया है पार्टी ने नही। परिवादवाद की दुहाई देने वालों पूछता हूं पड़ोस से मंजू दादू को टिकट दिया। मंजू दीदी को तो पता भी नहीं था मेरे पिता जी ने हाथ पकड़कर निकाला कि चल बेटी तेरे को चुनाव लड़ना है पिता की विरासत संभालना है। एक वह थे कि चलो बेटा परिवार की पुण्याई है। हाथ पकड़कर ले जाते थे। आज समय यह है कि टांग पकड़ रहे हैं।

अफवाह फैलाने में लगे थे कि फॉर्म उठा लेगाहर्षवर्धन ने कहा कुछ लोग अफवाह फैला रहे थे कि मैं 3 तारीख को फॉर्म उठा लूंगा। कहीं से हेलीकाप्टर आएगा और हर्षवर्धन मान जाएगा। पिता का नाम लेते हुए हर्षवर्धन भावुक हो गए इस दौरान आवाजें लगाने लगे भैया रोना नहीं हमें लड़ना है। दोबारा अन्याय हुआ। अब रण में उतरा हूं तो सोचुंगा नहीं सिर्फ लडूंगा। इस दौरान अधिकांश लोग निमाड़ की नैया नंदु भैया के नारे लगाते रहे।

Post a Comment

Previous Post Next Post