होम्योपैथी ने बचाई बच्ची की जान
इंदौर। महू के पास टी गांव में 13 वर्षीय बालिका नैना पिता विनोद को ‘करैत’ नामक एक बेहद जहरीले सांप ने काट लिया। यह घटना 14 जुलाई सुबह तकरीबन 5 बजे की है जब सोते वक़्त नैना के सीधे पैर में सांप ने डस लिया। जहरीले सांप के डसने के कारण नैना की हालत बिगड़ने लगी और ज़हर उसके पूरे शरीर में फैलने लगा। आनन-फानन में परिजन उसे महू के एक अस्पताल लेकर गए लेकिन वहां से उसे इंदौर के एमवाय हॉस्पिटल रेफर किया गया। एमवाय में नैना को तत्काल वेंटीलेटर पर रखा गया लेकिन उसकी हालत बिगड़ती चली गई और अंत में एमवाय के डॉक्टरों ने हार मान ली। परिजन नैना को कार्डिएक एम्बुलेंस की मदद से झाड़-फूंक करवाने लोहना कुटी लेकर गए लेकिन इसका इलाज़ वहां भी नहीं था।
नैना की हालत बेहद गंभीर हो चुकी थी और उसे बिना वेंटीलेटर के रखना नामुमकिन था। परिजन उसके इलाज के लिए इधर से उधर भटकते रहे। परिजन इलाज के लिए बड़नगर के गीता हॉस्पिटल भी गए लेकिन जब नैना की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ तो उसे इंदौर के अरबिंदों हॉस्पिटल रेफर किया गया। नैना को एक हॉस्पिटल से दूसरे हॉस्पिटल रेफर करने का यह सिलसिला जारी रहा क्योंकि कहीं भी इस तरह का इलाज संभव या उपलब्ध ही नहीं था। इंदौर के बड़े-बड़े हॉस्पिटल एमवाय, अरबिंदों, बॉमबे हॉस्पिटल और मेदांता जैसे अस्पताल भी नैना के इलाज में असमर्थ थे। अंत में परिजन नैना को लेकर घर आ गए।नैना के परिजन को होम्योपैथिक डॉक्टर राजेश गोयल का पता चला लेकिन बड़े-बड़े हॉस्पिटल में स्नेक बाईट का इलाज उपलब्ध ना होने के कारण उन्हें और दूसरा होम्योपैथिक इलाज होने की वजह से उन्हें इस इलाज पर विश्वास नहीं था। मालवा अस्पताल की नर्स पूजा चौहान जिनकी भांजी नैना थी ने परिजन को खूब समझाया और लगभग 4 दिन बाद वे डॉ. गोयल से इलाज करवाने के लिए राजी हुए। 29 जुलाई को परिजन नैना को लेकर न्यू साक्षी होम्योपैथिक क्लिनिक इंदौर पहुंचे जहाँ डॉ. गोयल ने नैना की पूरी जांच कर उसी सांप के ज़हर से होम्योपैथिक दवाई बनाई जिस जहरीले सांप ने नैना को काटा था। ज़हर ही ज़हर को मारता है यह तो हम सभी ने सुना था लेकिन होम्योपैथिक डॉ. राजेश गोयल ने इसे सच में परिवर्तित कर दिया। महज़ 4 दिन में नैना स्वस्थ हो गयी। यूट्यूब पर डॉ. राजेश गोयल के बारे में काफी कुछ जानकारी उपलब्ध है जिससे लोगों को काफी मदद मिल सकती है।

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