तेंदुए ने शिकार कर मवेशियों को बनाया निशाना Leopard hunted and targeted cattle

तेंदुए ने शिकार कर मवेशियों को बनाया निशाना 

दहशत में आए आधा दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीण, वन विभाग का अमला कर रहा है आसपास के क्षेत्रों में सगन तलाश

गंजबासौदा।।बागरोद ग्यारसपुर मार्ग के पास ग्राम ढोल बाज के जंगल सहित हिम्मतपुर पुतला वन क्षेत्र में पिछले 4 दिनों में जंगल में भटक कर आए तेंदूए ने आधा दर्जन से अधिक मवेशियों को अपना शिकार बनाया है। ग्रामीणों की तीन गायों को भी घायल किया है ।वन में तेंदुए की आमद की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम जंगल में सर्चिंग कर रही है। लेकिन लगातार तेंदुए की लोकेशन बदलने से बन अमले को तेंदुआ नजर नहीं आया है।

गंजबासौदा।।बागरोद ग्यारसपुर मार्ग के पास ग्राम ढोल बाज के जंगल सहित हिम्मतपुर पुतला वन क्षेत्र में पिछले 4 दिनों में जंगल में भटक कर आए तेंदूए ने आधा दर्जन से अधिक मवेशियों को अपना शिकार बनाया है। ग्रामीणों की तीन गायों को भी घायल किया है ।वन में तेंदुए की आमद की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम जंगल में सर्चिंग कर रही है। लेकिन लगातार तेंदुए की लोकेशन बदलने से बन अमले को तेंदुआ नजर नहीं आया है।


 हालांकि शनिवार की देर शाम बन अमले और तेंदुए के बीच कुछ मीटर की दूरी थी लेकिन अंधेरा अधिक होने के कारण वन रक्षक ज्यादा अंदर जंगल में नहीं जा सके आसपास के पेडों पर बैठे बंदरों के वहां से भागने के बाद वन विभाग ने उस क्षेत्र में तेंदुआ होने की आशंका व्यक्त की है रविवार को भी बन अमले की टीम ने लगातार भ्रमण किया है इसके साथ ही मुकुंदपुर मैं भी जंगली जानवर होने की सूचना मिली थी जहां पर ग्यारसपुर का वन अमला मौके पर गया लेकिन वहां भी तेंदुआ होने की पुष्टि अभी स्पष्ट रूप से नहीं हो पाई है रविवार को आसपास के क्षेत्र में किसी भी मवेशी के शिकार होने की जानकारी भी नहीं मिली है जंगल में गश्त कर रहे वन विभाग की टीम ने बताया कि शुक्रवार को जब तेंदुए ने जिन गायों को अपना शिकार बनाया था वह उनका भोजन नहीं कर सका जिसके कारण उसने अन्य गायों को भी अपना शिकार बनाने का प्रयास किया प्रथम दृष्टि आया है। 

जंगल में गस्त कर रहा है वन विभाग के हमले का कहना है कि मादा तेंदुआ हो सकती है लेकिन अभी तक इसकी पुष्टि करना वन विभाग के लिए बड़ी बात है डीएफओ के निर्देशानुसार आसपास के जंगल क्षेत्र से लगे हुए गांवों में लोगों को अलर्ट रहने के लिए कहां गया है क्योंकि तेंदुआ 1 दिन में आसानी से 20 से 30 किलोमीटर तक का सफर घूम कर करते हैं। 

जंगल में तेंदुए की आहट के बाद ग्रामीणों में दहशत का माहौल है लोग झुंड बनाकर अपने खेतों में फसल मैं दवाई आदि का छिड़काव कराने के लिए पहुंच रहे हैं। इसके साथ ही कई किसानों ने अपने दुधारू मवेशियों को जंगल में भी भेजना बंद कर दिया है। चरवाहा भी सड़क किनारे खड़े होकर ही मवेशियों को चरा रहे हैं। शनिवार को जिन मवेशियों का शिकार तेंदुए द्वारा किया गया है उन मवेशियों की पीएम भी प्राप्त हो चुकी है ,और मवेशियों के मालिकों को गाइडलाइन अनुसार मुआवजा देने का आश्वासन विभाग वन विभाग द्वारा दिया गयाहै।

जंगली जानवर के हर मूवमेंट पर वन अमले की नजर

त्योंदा ग्यारसपुर के जंगलों में तेंदुए की दस्तक से आधा दर्जन गांवों में दहशत का माहौल है। पिछले 24 घंटे में तेंदुए ने सात चौपाय पशुओं को अपना शिकार बनाया इसके अलावा तीन गायों को भी घायल किया है। उसी को देखते हुए वन विभाग तेंदुए के हर मूवमेंट पर नजर रखे हुए हैं।जिससे क्षेत्र के ग्रामीणों में अब तेंदुए के आतंक से खौफ बना हुआ है। 

 ज्ञात हो कि ग्यारसपुर के जंगल क्षेत्र एक दो बार तेंदुआ नजर में आया था और उसके बाद से ही लगातार वह क्षेत्र में बना हुआ है। शुक्रवार की दोपहर ग्राम ढोललबाज के जंगल में तेंदुए ने मवेशियों को अपना निशाना बनाया था।तेंदुए की आहट से गौड़खेडी, हिम्मतपुर, शेरपुर, बरमडी, खंदा, कोलुआ सहित करीब आधा दर्जन से अधिक गांव में दहशत का माहौल है। यहां के ग्रामीणों का कहना है कि वह जंगल में मवेशी चराने भी नहीं जा पा रहे हैं समाधि अपने खेतों में बोई गई फसल भी देखने नहीं जा पा रहे है।

बागरोद से ग्यारसपुर जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों और वन विभाग का घना गहरा जंगल है जिसमें जंगली जीव जंतु विचरण कर रहे हैं। पहले इन जंगलों में तेंदुआ को कभी नहीं देखा गया है। वन विभाग का कहना है कि एक-दो बार की की गणना में इस क्षेत्र में तेंदुए का मूवेंट देखा गया है, लेकिन वह यहां पर स्थाई रूप से नहीं रहा। सुरक्षा की दृष्टि से वन अमले ने जंगल के आसपास के गांवों में डोंडी पिटवा कर गांव वालों को सावधान रहने के लिए कहा है।

जंगल में देखे गए तेंदुए के पंजे के निशान

ग्राम ढोलबाज के पास जंगल में तेंदुए द्वारा लगातार मवेशियों के शिकार करने की जानकारी मिलने के बाद ग्यारसपुर वन परिक्षेत्र अधिकारी विनोद तिवारी, सहायक परिक्षेत्र अधिकारी गोपालचंद्र शर्मा, वनरक्षक महेन्द्र गौर, सुनील मौके पर पहुंचे और जहां पर मवेशियों के शव पड़े हुए थे, वहां आसपास तेंदुए के पग मार्क नाप कर देखी गए हैं। तेंदुए ने जिन लोगों के मवेशियों का शिकार किया है उनमें

जीवन सिंह गुर्जर की एक गाय, गुलाब सिंह की बछिया, मिस्टर सिंह की एक गाय और बछिया को अपना शिकार बनाया है। वहीं रामबाबू की गाय सहित तीन गाय तेंदुए के हमले से घायल हो गई है। जिसका उपचार कराया जा रहा है। तेंदुए के दहशत से गांव के लोग लठी और धारदार हथियार लेकर समूह के साथ अपने खेतों में काम करने के लिए जा रहे है।

वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ढोलबाज ,ग्यारसपुर के जंगलों में तेंदुए की मूमेंट लगातार बनी रहती है। कई बार वह हैदरगढ़ के आसपास जंगलों में देखा गया है, लेकिन अभी तक किसी भी मवेशियों के शिकार करने की सूचनाएं प्राप्त नही हुई थी ढोलबाज के जंगलों में शिकार किए गए मवेशियों के बाद वन अमला अलर्ट है। क्षेत्र में लगातार सर्चिंग की जा रही है।तेंदुए के पंजे के निशान जहां पाए गए। बहां करीब 9 सेमी की साइज के पंजे के निशान गीली मिट्टी पर उभरे हुए है। अब वन अमला उन निशानों के आधार पर तेंदुए के मूमेंट को पता करने का प्रयास कर रहा है।

 ढोलबाज गांव से एक किलोमीटर की दूर पर जंगल है, जो ग्रामीण बस्ती से सटा हुआ है। डीएफओ वन विभाग विदिशा राजवीर सिंह का कहना है।

  ग्यारसपुर बागरोद के जंगल में कुछ मवेशियों शिकार होने की जानकारी प्राप्त हुई है। प्रथम दृष्टया यह तेंदुए हो सकता । उन मवेशियों के शव का पोस्टमार्टम कराया है। आसपास के गांव में लोगों को अलर्ट कर दिया गया है। इसके साथ ही वन विभाग की एक टीम को जंगल में तेंदुए की सर्चिंग के लिए कहा है। यदि गांव की तरफ मूमेंट हुआ तो पकड़ने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन किया जाएगा।

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