गुरु पूर्णिमा महोत्सव श्रद्धा और भक्ति के साथ भव्य रूप से सम्पन्न Guru Purnima festival was celebrated with great enthusiasm and devotion

गुरु पूर्णिमा महोत्सव श्रद्धा और भक्ति के साथ भव्य रूप से सम्पन्न Guru Purnima festival was celebrated with great enthusiasm and devotion

रथ पर सवार होकर पहुंचे गुरूजी, पुष्पवर्षा के बीच हुआ स्वागत, भक्ति के रंग में रंगे श्रद्धालु

मीडिया प्रभारी दिनेश सालेचा मदुराई ने दी जानकारी 

नाकोड़ा ( बाड़मेर दबंग देश ) 

इस वर्ष गुरु पूर्णिमा का पर्व नाकोड़ा रोड स्थित रॉयल हेरिटेज रिसोर्ट में बेहद भव्य और भावनात्मक माहौल में मनाया मीडिया प्रभारी दिनेश सालेचा मदुराई ने बताया कि जानेमाने  वास्तुनरेश  श्री अशोक गुरूजी सिरोही के सैकड़ों श्रद्धालु देशभर से इस अवसर पर पहुंचे और आयोजन को अविस्मरणीय बना दिया।

गुरु पूर्णिमा महोत्सव श्रद्धा और भक्ति के साथ भव्य रूप से सम्पन्न Guru Purnima festival was celebrated with great enthusiasm and devotion

बुधवार शाम से ही श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो गया था। गुरुवार सुबह 9:30 बजे संगीतमय स्नात्र पूजा के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। दोपहर में भोजन पश्चात 2 बजे से गुरु पूजन कार्यक्रम आरंभ हुआ।इस दौरान अशोक गुरूजी विशेष रूप से रथ में सवार कर  गाजे बाजे के साथ मंच तक पधारे ।  रास्ते में श्रदालुओं ने जयगुरुदेव के जयधोष के साथ  पुष्प वर्षा की गई और पूरे माहौल में भक्ति की लहर दौड़ गई। मंच पर पहुंचने के बाद जाने-माने संगीतकार दीपक करनपुरिया व गायिका माधुरी वैष्णव ने गुरु भक्ति गीतों से सभी को भावविभोर कर दिया।

गुरु भक्तों ने अपने शब्दों और भावों से गुरूजी के प्रति गहरी श्रद्धा जताई, वहीं गुरूजी ने भी सबको भरपूर आशीर्वाद दिया और सभी के मंगल जीवन की कामना की।

पूजन के दौरान एक गुरु भक्त परिवार ने अक्षत व केसर से गुरूजी की वधामना की, जो पूरे कार्यक्रम का भावुक और भव्य क्षण था।

आयोजन की व्यवस्थाएं भी उल्लेखनीय रहीं। रॉयल हेरिटेज रिसोर्ट के मालिक नरेश जी और मोतीलालजी ने समूचे कार्यक्रम में किसी भी गुरु भक्त को कोई असुविधा न हो, इसका पूरा ध्यान रखा। नैनाराम जी ने कैटरिंग की जिम्मेदारी बखूबी निभाई और हर समय स्वादिष्ट व स्नेहभरा भोजन उपलब्ध रहा। वहीं फोटोग्राफी की जिम्मेदारी मनवानी स्टूडियो (सोनू) ने संभाली और हर एक पल को कैमरे में खूबसूरती से कैद किया।

हर एक व्यवस्था इतनी शानदार और व्यवस्थित थी कि हर भक्त के चेहरे पर संतोष और श्रद्धा दोनों स्पष्ट दिखाई दे रहे थे। यह गुरु पूर्णिमा महोत्सव  गुरु भक्ति परंपरा में एक नई मिसाल बनकर दर्ज हो गया।

Post a Comment

0 Comments