कद सैनिक का हिमालय से भी बड़ा होता है।जो रक्षा हित देश की धुप जाड़े में सीमा पर खड़ा होता है। सुरेश अलबेला मुंबई।
लोहित झामर दबंग देश
फुटतलाव में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन हास्य फुहारों के साथ देशभक्ति चिंतन की कविताएं मे मंत्रमुग्ध हुए श्रोता । मेघनगर। वनेश्वर मारुति नंदन कुटीर हनुमान मंदिर फुटतलाव में चल रहे पाण प्र तिषठा महोत्सव की पन्द्रह वर्षगांठ पर चल रहे आठ दिवसीय धार्मिक सांस्कृतिक आयोजन व भव्य मेले का समापन बुधवार रात्रि अखिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन से हुआं जिसमें देश के ख्याति प्राप्त कवियों ने अपनी रचनाओं से चिंतन देशभक्ति हास्य व्यंग श्रृंगार गीत ग़ज़ल में हजारों श्रोताओं को बांधे रखा।
आयोजन समिति के सदस्यों व मुख्य सरश्रक श्रीराम दास जी टाट वालें बाबा एवं महंत मुकेश दास जी महाराज के सरश्रण में संपन्न उक्त कवि सम्मेलन में कवियों का स्वागत मुख्य मार्गदर्शक सुरेश चन्द पूरणमल जैन पप्पू भैया ने व राजेश जैन रिंकू भैया ने पुष्पहार कवियों का स्वागत किया जबलपुर की कवयित्री मणिका दुबे की शारदे वंदना से प्रारंभ कवि सम्मेलन तीन घंटे से अधिक समय तक अविराम जारी यहा लाफ्टर विनर व संचालक सुरेश अलबेला की हास्य श्रणिका व त्वरित टिप्पणी चिंतन की कवितासे समापन हुआ
।श्री अलबेला ने सैनिक की व्यथा ईन शब्दों में बयां की।उसका कद हिमालय से भी बड़ा होता है।देश हित सैनिक धुप जाड़े में भीसीमा पर खड़ा होता है।राम की रचना से चर्चित युवा कवि अमन अक्षर ने मुक्तक गीतों से श्रोताओं पर अपना प्रभाव जमाया । हास्य के जादुगर जानी बैरागी ने अपने चुटीले अंदाज मेंखूब हंसाया तों आचार संहिता की रचना से संस्कार की बात कही।मणिका दुबे ने कहा चन्द लम्हे मेरे हर पहर आपका।
एक कोना मेरा और घर आपका याद दिल से करोगे तो आ जाऊंगी। मैं तों मेहमान हूं ये शहर आपका तों युवा वर्ग की अच्छी दाद बटोरी। ज़िले के लोकप्रिय राष्टीय कवि निसार पठान रमभापुरी ने अपने सबरस अंदाज में त्वरित टिप्पणी से जहां श्रोताओं पर छाप छोड़ी तों चिंतन की कविता ये सनातनी संस्कृति गौरव है।ये पुरखों की अमिट निशानी है।भारत भूमि हमारी इसकी अजीब कहानी है।हम वंदेमातरम् गाते हैं जनगण मन कह जन जन को गले लगाते है।हम शांतिदूत हम कान्ति वीर हम शौर्य स्वाभिमानी है। पंक्तियों पर काव्य रसिकों ने पुष्पमाला से सम्मान किया।
लाफ्टर हास्य व्यंग के प्रसिद्ध कवि कांकरोली से आएं सुनील व्यास ने हंसी की फुलझड़ियो सहित बचपन की आपबीती मार्मिक कविता सुनाई आपने जब कहा दुःख में से सुख के पल निकालना ओर हर पल को जीना मां ने सिखाया है।बीस रूपए कीफटी बनियान पहन करोड़ों की इज्जत कमाना पिता ने सिखाया है।पर श्रोताओं ने करतल ध्वनि से रिश्तों की मार्मिकता का सम्मान किया। नगर के युवा उदीयमान कवि विनम्र गादिया ने युवा को जागृत करने हेतु आव्हान गीत सुनाया। प्रारंभिक संचालन मनीष गिरधाणी ने व आभार रिंकू भैया ने माना ।कवि सम्मेलन के दौरान परम पुजथ पीपलखूटा हनुमंत मंदिर के महंतश्री दमाराम दास जी महाराज की विशेष उपस्थिति रहे।
विराट कवि सम्मेलन बतौर अतिथि समाजसेवी उद्योग पति बृजेन्द्र चुन्नु शर्मा शैलेष दुबे उद्योग पति विनोद बाफना जयंत सिंघल डाक्टर बसंत सिंह खतेडिया आदि उपस्थित रहे कवि सम्मेलन सुननें अगराल रमभपुर थांदला पिटोल कुंदनपुर रानापुर झाबुआ दाहोद गुजरात कुशलगढ़ सज्जनगढ़ बांसवाड़ा राजस्थान के काव्य रसिकों का सैलाब उमड़ा। आयोजन समिति से जुड़े आनंदी लाल पडियार हरिराम गिरधाणी दिनेश बैरागी एवं समस्त वनेश्वर मारुति नंदन कुटीर हनुमान मंदिर समिति का सहयोग सराहनीय रहा।
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