सुना है आँगन और सुना ये मन, गुरुवर न जाओ ये कहती है धड़कनI have heard the courtyard and I have heard my heart, Gurudev, don't go, this is what my heartbeat is saying

सुना है आँगन और सुना ये मन, गुरुवर न जाओ ये कहती है धड़कन

ससनेर में समाधिस्थ जैन संत मुनि भूतबलि सागर जी को दी विनयांजलि, भावुक मुनिभक्तो ने किया महामंत्र का जाप

दबंग देश मनोज कुमार माली




सुसनेर। सुना है आँगन और सुना ये मन, गुरुवर न जाओ ये कहती है धड़कन …..ये सिर्फ एक गीत के बोल ही नही बल्कि सुसनेर के गुरु भक्तों की मुनि श्री भूतबलि सागर जी के प्रति विनयांजलि है। जिन्होंने 27 मार्च बुधवार को सीहोर जिले के आष्टा शहर में प्रवास के दौरान समता पूर्वक देह त्याग कर अपना समाधि मरण किया। सोमवार की देर शाम को सुसनेर जैन समाजजनों व मुनिभक्तो के द्वारा नगर के त्रिमूर्ति मंदिर में विनयांजलि सभा का आयोजन किया गया। मुनि श्री की स्मृतियों से सभा का वातावरण पूरी तरह भावुक हो गया। अपने गुरु के समाधिमरण से उपस्थितो की आँखे नम हो गई। समाज के मुकेश सांवला, चांदमल जैन, मुकेश चौधरी, गुलाबचंद सांवला, महावीर जैन विद्यार्थी, पंडित मुकेश जैन मनीष जैन, पिंकी जयपद, रेणु जैन, दीपक जैन पत्रकार, गिरीश पांडे, आदिप जैन, बसंती लाल जैन, आदर्श जैन, अनेकान्त जैन, प्रेरित चौधरी, भूपेंद्र साँवला ने मुनि श्री के साथ अपने संस्मरण, अनुभव व विचार के माध्यम से अपनी भावनाओं को व्यक्त कर विनयांजलि अर्पित की। 

मुनि श्री की तप-साधना और उनके सानिध्य में समाजजनों में हुए परिवर्तन की चर्चा की। इस दौरान उपस्थितजन व वक्ता सभी भावुक हो गए। उनके द्वारा दिलाए गए नियम व त्याग को दृढ़ता पूर्वक पालने का संकल्प भी दोराहा गया। अंत में समाधिस्थ मुनि श्री के चित्र के समक्ष गुरुभक्ति व नवकार मंत्र के जाप के साथ मौन रख उनको विनयांजलि दी गई। मंगलाचरण जिनेंद्र जैन व संचालन अध्यापक महावीर जैन शास्त्री ने किया तथा आभार पारस जैन मोड़ी वाला ने माना। इस अवसर पर बड़ी संख्या में जैन समाजजन उपस्थित रहे। बता दे कि आचार्य श्री विद्या सागर जी के परम प्रभावक शिष्य मुनि श्री भूतबलि सागर जी ने अपने संगस्थ मुनि मौन सागर जी, मुनि सागर जी व मुक्ति सागर जी के साथ वर्ष 2023 का अपना 44 वा चातुर्मास सुसनेर नगर में किया था। इस दौरान बड़ी संख्या में समाज के युवाओं को धर्म से जोड़ने का कार्य किया। बड़ी संख्या में उनके अनुयायी सुसनेर में है जो उनके अचानक चले जाने से दुःखी है। 

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