विश्व शांति के लिए भगवान महावीर के सिद्धांतों को अपनाना होगा
डॉ. प्रगति जैन
मनावर से नवीन प्रजापति आज भगवान महावीर का जन्म कल्याणक महोत्सव मनाया जा रहा है। भगवान महावीर के द्वारा प्रतिपादित सिद्धांत वर्तमान में अधिक प्रासंगिक हो गए हैं। आज जहां विश्व में अशांति, द्वेष की भावना व अहिंसा के पैर फैलते जा रहे हैं, ऐसे में महावीर के मूल्यों को समावेश करने की महती आवश्यकता है
। भगवान महावीर के द्वारा बताए गए अनेकांतवाद, अहिंसा, अपरिग्रह व सह-अस्तित्व की भावना आज के दौर में अत्यंत आवश्यक है। भगवान महावीर ने बताया कि सत्य केवल एक ही दृष्टि से नहीं समझना चाहिए वरन् सभी के मत उसमें निहित होने चाहिए। समस्त आत्माओं को समान मानना चाहिए । प्रकृति को नुकसान पहुंचानेवाला स्वयं को नुकसान पहुंचाता है।
पशु- पक्षी, जानवर आदि सभी की रक्षा करने का भाव होना चाहिए। जो कार्य स्वयं के लिए अहित है वे दूसरों के लिए भी अहित होते हैं। यदि हम स्वयं के अस्तित्व को स्वीकार करते हैं तो हमें अन्य के अस्तित्व को भी स्वीकारना होगा। इसलिए 'जियो और जीने दो' का सिद्धांत उन्होंने अपनाया और संपूर्ण विश्व को इस सिद्धांत पर चलने के लिए प्रेरित किया । आज समूचे विश्व को महावीर के सिद्धांतों को अपनाना चाहिए जिससे कि विश्व शांति व सह-अस्तित्व की भावना स्थापित की जा सके।
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