ब्लॉक कांग्रेस महामंत्री ने पत्रकार वार्ता कर नगर परिषद के भ्रष्टाचार का किया खुलासा
ई रिक्शा से लेकर कचरा गाडी तक खरीदी में लाखो रुपए का भ्रष्टाचार करने का लगाया गंभीर आरोप
दबंग देश/ मनोज कुमार माली
सुसनेर। सुसनेर के रेस्ट हाउस पर दोपहर 3 बजे शहर कांग्रेस कमेटी द्वारा प्रेसवार्ता की गई जिसमे कांग्रेस ब्लॉक महामंत्री दीपक राठौर, ब्लॉक अध्यक्ष सरदार सिंह सारका,
नगर कांग्रेस अध्यक्ष आशीष जैन त्यागी ,पार्षद नईम अहमद मेव ने नगर परिषद सुसनेर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया साथ ही प्रेसवार्ता में सामने रखा की सुसनेर ब्लॉक कांग्रेस महासचिव दीपक राठौर के द्वारा साक्ष के साथ भ्रष्टाचार की शिकायत उज्जैन लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक और आर्थिक अपराध
अनुसंधान केन्द्र उज्जैन व नगरीय प्रशासन सयुक्त आयुक्त में भी शिकायत कर भ्रष्ट जनप्रतिनिधि अधिकारी व कर्मचारी पर कार्यवाही की मांग की गई है, शिकायतकर्ता ब्लॉक कांग्रेस महामंत्री दीपक राठौर ने बताया,
सुसनेर नगर परिषद् द्वारा क्रय कि गई ई-रिक्शा में 1806000 अठारह लाख छः हजार रुपए का भ्रष्ट्राचार हुआ है जेम पार्टल पर गुलमोहर कम्पनी के साथ का अनुबंध । जिसमें एक ई-रिक्शा कि किमत 4,81,200 रूपए है,मेरे द्वारा गुलमोहर कम्पनी से मंगाया गया ई-रिक्शा का प्रमाणित कोटेशन जिसमें एक ई-रिक्शा कि किमत 1,20,000 रूपए है।
परिषद् कि पीआईसी बैठक में पांच ई-रिक्शा क्रय करने कि प्रस्ताव कि प्रमाणित प्रति एवं भुगतान कि पुष्टी किए जाने का प्रस्ताव पृष्ठ क्रमांक 45,46,47 व 79,80 कि प्रति साक्ष के रूप में सामने रखें है। परिषद् द्वारा स्वच्छता पखवाने के तहत सफाई व्यवस्था हेतु 125 रूपए प्रतिदिन के मान से 3750 रूपए प्रतिमाह में कर्मचारीयो की नियुक्ति पीआईसी सदस्यो कि स्वीकृति से की गई जिसके प्रस्ताव कि प्रमाणित प्रति पृष्ठ कमांक 7.8 कि प्रति साक्ष के रूप में सामने रखी परिषद् द्वारा नियुक्त 27 कर्मचारियो कि प्रमाणित सूची
जिन्हे परिषद् द्वारा 7239 रूपए व 7800 रूपए तक का प्रतिमाह भुगतान किया गया है। 44 हाथ कचरा गाडीयो के भुगतान के स्टाक रजिस्टर कि प्रमाणित प्रति सलग्न हैं। जिसमे प्रति कचरा गाडी का 9000 / रूपए के मान से भुगतान किया गया है। जिसकी गुणवत्ता भी हल्की है यही हाथ कचरा गाड़ी जिसकी बाजार कीमत 3000 हजार रुपए थी
जो उच्च गुणवत्ता पूर्ण मिल सकती थी मुझ उपभोक्ता द्वारा परिषद् कि मट पम्प मशीन से घर के मट टेंक कि सफाई हेतु आवेदन भी दिया गया था जिसमे परिषद् द्वारा तय शूल्क 2000 / रूपए बताई गयी जिसके आवेदन कि प्रति साक्ष के साथ में रखीहै लेकिन परिषद द्वारा प्रति सप्ताह मट मशीन और फायर वाहन से 30 से 50 लीटर डीजल हर सप्ताह निकाला जा रहा है
जिसकी कोई रसीद परिषद के पास नहीं है नगर परिषद के स्टाक रजिस्टर में बीते 2 वर्ष से किसी भी अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं है जो साफ दिखता है को कितनी बड़ी मात्रा में परिषद द्वारा मिलजुल कर भ्रष्टाचार किया जा रहा है ऐसे तमाम आरोप पत्रकार वार्ता में नगर परिषद के ऊपर लगाए गए है,।
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