नारी की उत्पत्ति शक्ति, समर्पण, संस्कार और ज्ञान का कारक है - डॉ. भरत शर्मा
दबंग देश |
लायंस क्लब ऑफ़ शिरडी और और लियो क्लब ऑफ़ शिरडी द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं के सम्मान समारोह में उक्त विचार संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार सदस्य डॉ. भरत शर्मा ने बतौर मुख्य अतिथि प्रेषित किए ।
आपने बताया कि भारतीय संस्कृति में शुरू से ही नारी का स्थान सर्वोच्च है । आपने कहा कि सम्पूर्ण वेद और ग्रंथ नारी को आधारभूत करके ही लिखे गए हैं! जन्म देने वाला ईश्वर और मादा है, अन्य कोई वह स्थान नहीं ले सकता है। संस्कृत में भी कहा गया है - गुरुणामेव सर्वेषां माता गुरुतरा स्मृता॥ अर्थात् सब गुरु में माता को सर्वश्रेष्ठ गुरु माना गया है और हमारा पहला गुरु हमारी माँ ही होती है । नारी जन्म से ही विलक्षण प्रतिभाओं से धनी होती है ।
कार्यक्रम में लंदन से पधारे वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्ड के अध्यक्ष श्री संतोष शुक्ला भी कार्यक्रम अध्यक्ष के रूप में मौजूद थे। आपने कहा कि प्रबंधन और सांस्कृतिक गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करके आज महिला कंधे से कंधा मिलाकर पुरुष वर्ग के समतुल्य है ।
समारोह में उल्लेखनीय पुणे- महाराष्ट्र की डिप्टी कलेक्टर श्रीमती अंजलि अभय धनोरकर को वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स के “सर्टिफिकेट ऑफ़ एक्सीलेंस” अवॉर्ड् से सम्मानित किया गया। अतिथियों द्वारा विभिन्न क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं का सम्मान किया गया।
अतिथियों को पारंपरिक मराठी पगड़ी पहनाकर और नासिक ढोल बजाकर स्वागत किया गया ।खचाखच भरे सभागार में महाराष्ट्र के उभरती अभिनेत्री अश्विनी इरोले, लायंस क्लब के पदाधिकारी प्रांताध्यक्ष सुधीर डागा, ज़ोनल अध्यक्ष संदीप गोंडकर, उपाध्यक्ष महेश वैद्य, शिरडी के महापौर और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
Post a Comment