आचार्यश्री के स्वास्थ के लिये सामूहिक भक्तामर पाठCollective devotional recitation for the health of Acharya Shri

आचार्यश्री के स्वास्थ के लिये सामूहिक भक्तामर पाठ

भक्तामर चिकित्सा की शक्ति का उपयोग लाखों श्रावकों ने किया है, इस स्तोत्र की रचना लगभग एक हजार वर्ष पूर्व हुई थी, जो इसकी शक्ति का उपयोग करते थे वे श्रावक भक्त की श्रेणी मे आते थे, लेकिन वर्तमान मे इसको वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखने की जरूरत है, नई पीढ़ी को हर एक वस्तु - संकल्पना तथा हर आयामों के बारे मे प्रश्न पूछने की जिज्ञासा है , यह स्तोत्र प्रत्येक समय मे अनुकूलता को प्राप्त है इसे समय सीमा मे नहीं बान्ध सकते, इस स्तोत्र से जीवन की प्रत्येक समस्या का निवारण संभव है, विशेषकर स्तोत्र के पैंतालिसवें काव्य से असाध्य रोगों से मुक्त हो सकते हैं

संयोगितागंज दिगंबर जैन समाज द्वारा आयोजित एक सभा में मुख्य अतिथि श्री देवेन्द्र सेठी ने अपने विचार व्यक्त किये, अध्यक्ष प्रकाश बड़जात्या एवं मीडिया प्रभारी ज्योतिषाचार्य एम के जैन ने बताया कि अतिशय तीर्थ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर छावनी मे समाज के प्रमुख महामुनिराज आचार्य श्री विद्यासागरजी के स्वास्थ लाभ के लिये श्री नेमीनाथ भगवान के समक्ष समाजजनों द्वारा सामूहिक भक्तामर का पाठ किया गया, पूरे देश के जैन मंदिरों मे आचार्यश्री के स्वास्थ के लिये अनुष्ठान एवं मंत्र जाप आयोजित किये जा रहे हैं, कार्यक्रम का संचालन शैलेश वेद ने किया एवं संयोजक नीलेश नेहा गंगवाल ने आभार माना

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