नवाणु यात्रियों एवं दीक्षार्थी भाई बहनों का निकला वरघोड़ा,जगह-जगह हुआ बहुमान Navanu pilgrims and initiate brothers and sisters turned out to be a great horse, respected everywhere
बड़ावदा। यहां सोमवार को नगर में श्रीमती लीलाबाई समरथमल सकलेचा परिवार द्वारा नवाणु यात्रियों एवं दीक्षार्थी भाई बहनों के अनुमोदनार्थ कार्यक्रम आयोजित किया गया।जिसमें साध्वी श्री मुक्ति प्रिया श्री जी आदि ठाणा की निश्रा मुख्य रूप से रही।
विवेक , आयुष, सुरभि,अर्पिता(मोनी) सकलेचा के नवाणु यात्रा पूर्ण होने पर सकलेचा परिवार द्वारा अनुमोदनॉर्थ समारोह आयोजित किया गया। जिसके अंतर्गत श्री आदिनाथ जिन मंदिर से एक वरघोड़ा निकाला गया। भगवान आदिनाथ जी की गहुली की गई। वरघोड़े में मुमुक्षु भाई दिव्यांश मोदी, सैलाना व दीक्षार्थी बहन हिना वेद ,डग भी मौजूद रही ।सभी तपस्वी एवं दीक्षार्थी भाई बहनों को बग्गी में विराजित किया गया ।जगह-जगह जैन समाज व अन्य समाजजनों ने सभी का बहुमान किया व बरघोडे में श्रावक श्राविकाए नृत्य कर चल रहे थे। दीक्षार्थीयो ने वर्षिदान किया।
दादावाड़ी में एक धर्मसभा हुई । मुक्तिप्रिया श्री जी के मंगलाचरण से धर्म सभा की शुरुआत हुई। नमन धारीवाल ने गीत प्रस्तुत किया। सकलेचा परिवार के नवाणु यात्रियों ने अपने अनुभव सुनाए। मुमुक्षु दिव्यांश मोदी व हिना वेद ने अपनी अपनी दीक्षा में पधारने का निमंत्रण दिया। साध्वी अर्हमप्रिया श्रीजी ने प्रवचन देते हुए पाश्चात्य एवं भारतीय संस्कृति की विस्तृत व्याख्या की एवं कहां की संयम जीवन ही जीवन का सार है। संयम जीवन के आगे सब बेकार है। आपने कहा कि यात्रा करो तो धार्मिक यात्रा करो जो भव सागर से पार करती है ।इस अवसर पर सकलेचा परिवार , श्री राजेंद्र सूरी जैन दादावाड़ी ट्रस्ट, सातम् परिवार, साधुमार्गीय स्थानक वासी संघ आदि कई संस्थाओं द्वारा नवाणु यात्रियों एवं मुमुक्षुओ का बहुमान किया गया। सकलेचा परिवार द्वारा स्वामिवात्सय का आयोजन किया गया। आभार श्री संघ अध्यक्ष मानमल सकलेचा ने माना। ज्ञात रहे नगर से जैन समाज से श्रीमती मिनल शिरीष सकलेचा, प्रिया विशाल चत्तर, रितिका प्रदीप मेहता, आयुष सुरेश चत्तर ने भी नवाणु यात्रा की जिनका बहुमान भी सकलेचा परिवार द्वारा किया गया।
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