मनुष्य को शास्त्रों के अनुसार कर्म करने पर ही फल मिलेगा पं दाधीच |Man will get results only if he performs his actions as per the Pandit Dadhich .

 मनुष्य को शास्त्रों के अनुसार कर्म करने पर ही फल मिलेगा | पं दाधीच

 डॉ सचिन शर्मा दबंग देश

पूज्य श्री रौनक़ कृष्ण जी दाधीच चपलासा के सान्निध्य में  बिजवाड़ बिजेश्वर महादेव मंदिर में 8 से 14 जनवरी 2024 तक श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। 

पूज्य श्री रौनक़ कृष्ण जी दाधीच चपलासा के सान्निध्य में  बिजवाड़ बिजेश्वर महादेव मंदिर में 8 से 14 जनवरी 2024 तक श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है।

श्रीमद् भागवत कथा के चतुर्थ दिवस की शुरुआत में आरती कर समूचे संसार के लिए प्रार्थना के साथ की गई राम राज्य की स्थापना हो गौ माता राष्ट्र माता बने जिसके बाद पूज्य महाराज जी ने भक्तों को तेरे द्वार खड़ा रे भगवान भगत भरदे रे झोली " भजन का श्रवण कराया जो सब जगह माथा टेकते हैं 

पूज्य श्री रौनक़ कृष्ण जी दाधीच चपलासा के सान्निध्य में  बिजवाड़ बिजेश्वर महादेव मंदिर में 8 से 14 जनवरी 2024 तक श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है।

उन पर स्वयं देवता भी विश्वाश नहीं करते हैं और जिनकी एक भगवान में सच्ची निष्ठा होती हैं तो वह आराध्य ही उस भक्त का बेडा पार कर देते हैं मानो सबको पर इष्ट एक होना चाहिए शास्त्रों में बताया गया है कि जो व्यक्ति तपस्या करने वालों को रोकता है

  उसे मृत्यु दंड की प्राप्ति होती है जिस देश का राजा धर्मात्मा होता है तो उस देश की प्रजा भी धर्मात्मा होती है इसलिए राजा को धर्मात्मा ही होना चाहिए ताकि उसकी प्रजा किसी गलत मार्ग पर न चले और कोई अधर्म का काम ना करे मनुष्य को क्रोध को भुलाकर अपने कर्तव्य का पालन करना चाहिए कर्तव्य ही मनुष्य का कर्म होता है

 जब मनुष्य कथा सुनने आते हैं तो पाप उस मनुष्य को छोड़ कर चले जाते हैं क्योंकि कथा सुनने से पाप नष्ट होते हैं कर्मों का फल देने वाले भगवान होते हैं क्योंकि लोक, परलोक में कोई भी व्यक्ति भगवान से तेज़ नहीं होता है। एक से बड़े एक मनुष्य अपने सद्मार्ग पार चलकर ही श्रेष्ट हुए हैं।  

जो अच्छे कर्म करते है वह मनुष्य श्रेष्ट होते हैं जो मनुष्य इस संसार में आएं हैं उस मनुष्य की एक न एक दिन मृत्यु होनी होती है और उसी मनुष्य को सुख की प्राप्ति होती है जो धर्म के पथ पर चलता है और जो व्यक्ति अधर्म के पथ पर चलता है उसे कभी भी सुख की प्राप्ति नहीं होती है 

मृत्यु जीवन का सब से बड़ा सत्य है अधर्म पर चलने वाले लोगों को कोई आशीर्वाद नहीं देता है जो सच्चाई और धर्म के रास्ते पर चलते हैं उनके लिए सदा आशीर्वाद निकलता है मनुष्य को शास्त्रों के अनुसार कर्म करने पर ही फल मिलेगा मनुष्य की बुद्धि कर्म में फसी होती हैं

 मनुष्य को ऐसे कर्म करने चाहिए जिससे मनुष्य इस सांसारिक कर्मों से मुक्त हो जाये। जो मनुष्य मांस कहते हैं उनसे भी परलोक में बदला लिया जाता है कामना के बस में रहना वाला व्यक्ति कभी भी किसी का भला नहीं  कर सकता है आज गोवर्धन उत्सव मनाया जायेगा !

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