नगर में 10 दिन चले गणेशोत्सव का समापन गुरुवार
मुकेश खेड़े
बड़वाह भगवान गणेश के विसर्जन के साथ हुआ। नावघाट खेडी पर बने दो कृतिम कुण्ड में श्रद्धालुओ ने पहुंच कर गणेश प्रतिमा का पूजन-अर्चन करके विसर्जन किया।हालाकि सुबह से इक्का-दुक्का श्रद्धालु ही नर्मदा के समीप बने कुंड में प्रतिमा विसर्जन करने के लिए पहुंच रहे थे,लेकिन दोपहर तीन बजे के बाद श्रद्धालुओ की भीड़ बड़ने लगी है।भक्तों ने बप्पा की आरती उतारी| श्रद्धालुओं ने अगले बरस जल्दी आने की कामना कर नम आंखों से बप्पा को विदाई दी।
शुक्रवार-शनिवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु बप्पा के विसर्जन के लिए सुबह से ही नर्मदा तट पर पहुंचेगे।नगर में 25 से अधिक स्थानों पर बप्पा के छोटे-बड़े पंडाल बनाए गए थे। पंडालों में रोजाना सांस्कृतिक कार्यक्रम व स्पर्धाओं का दौर चला। गणेश विसर्जन को लेकर थाना प्रभारी रामेश्वर ठाकुर द्वारा नावघाट खेडी सहित विभिन्न पाइंटो पर पुलिसकर्मी की ड्यूटी लगाई गई है।साथ पुलिस की मोबाइल टीम भी नगर में भ्रमण करके निगरानी रखी हुई है। टीआई ठाकुर ने नर्मदा तट पर पहुंच कर जायजा लिया था|
सुबह से पंडालों में विराजित भगवान गणेश का पूजन-अर्चन किया गया।इसके बाद भगवान गणेश को वाहनों से विसर्जन के लिए नावघाटखेड़ी ले गए।यहां भी पूजा-अर्चना के बाद भगवान गणेश का विसर्जन किया। नावघाट खेडी ग्राम पंचायत के सरपंच जीवन सिंह,सरपंच प्रतिनिधि रोहित केवट,उप सरपंच देवेश ठाकुर द्वार दो बड़े-बड़े कृत्रिम कुंड बनाए गए है।उन कुंडो में श्रद्धालुओ ने मूर्तियां विसर्जित कराई। हालाकि पहले दिन अनंत चतुर्दशी के दिन कम संख्या में श्रद्धालु मूर्ति विसर्जन करने के लिए पहुंचे।
दो कृतिम कुण्ड में हो रहा विसर्जन --गुरुवार को नगर एवं आसपास के क्षेत्रो से श्रद्धालु गणेश प्रतिमाओ को विसर्जन करने के लिए नावघाट खेडी पहुचना शुरू हो गया है।हालाकि पहले दिन कम संख्या में श्रद्धालु मूर्ति विसर्जन के लिए पहुंच रहे है।पंचायत के उप सरपंच देवेश ठाकुर का कहना है कि कल और परसों दो दिन तक मूर्ति विसर्जन के लिए श्रद्धालु घाट पर पहुंचेगे|
इस दौरान तट पर 50 बाय 100 एवं 50 बाय 50 के दो कृतिम कुंड बनाए गए है।गुरुवार को दोपहर 12 बजे के बाद से श्रद्धालु मूर्ति विसर्जन के लिए पहुचना शुरू हो गया था।भक्त बप्पा की आरती के बाद कुंड में विसर्जन कर रहे थे।शुक्रवार-शनिवार तक विसर्जन का सिलसिला चलते रहेगा|इंदौर से आए श्री कुंजबिहारी मित्र मण्डल के मनीष मालविया ने बताया कि हम प्रतिवर्ष गणेश जी की मूर्ति विसर्जन के लिए नावघाट खेडी आते है।यहा पर प्रशासन के द्वरा बहुत अच्छी व्यवस्था की जाती है।
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