जैन समाज के सभी गुट अहम- वहम को दूर कर एक हो जाएं आचार्य विहर्षसागरजी Acharya Viharshasagar ji should unite all factions of Jain society by removing ego and illusion

 जैन समाज के सभी गुट अहम- वहम को दूर कर एक हो जाएं आचार्य विहर्षसागरजी

इंदौर। जैन समाज के सभी गुट समाज की खुशहाली, विकास, एकता एवं देव, शास्त्र, गुरु ,धर्म ,समाज संस्कृति और तीर्थों की रक्षा के लिए  अहम, वहम को दूर कर परस्पर में सारे राग देश विवादों को विराम देकर एक हो जाएं। वर्तमान समय में समाज की एकजुटता आवश्यक है और समय की भी यही मांग है।

यह उद्गार शनिवार को श्री दिगंबर जैन आदिनाथ जिनालय छत्रपति नगर में राष्ट्रसंत आचार्य श्री विहर्ष  सागर जी महाराज ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।

इंदौर। जैन समाज के सभी गुट समाज की खुशहाली, विकास, एकता एवं देव, शास्त्र, गुरु ,धर्म ,समाज संस्कृति और तीर्थों की रक्षा के लिए  अहम, वहम को दूर कर परस्पर में सारे राग देश विवादों को विराम देकर एक हो जाएं। वर्तमान समय में समाज की एकजुटता आवश्यक है और समय की भी यही मांग है।

एकता का महत्व बताते हुए आपने कहा कि जिस प्रकार गुच्छे से जुड़े अंगूरों का महत्त्व और कीमत ज्यादा और गुच्छे से अलग हुए अंगूरों का महत्त्व व कीमत कम होती है उसी प्रकार विभिन्न गुटों में बटी समाज की तुलना में संगठित एवं एकजुट समाज का महत्त्व और प्रभाव  ज्यादा होता है।

आपने जैन समाज का शासन, प्रशासन एवं राजनीति में प्रभाव कम होने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जैन समाज को राजनीति मैं भी अपना प्रभुत्व बढ़ाना चाहिए और चुनावों में जब भी जैन प्रत्याशी खड़ा हो तब उस का समर्थन कर उसे विजयी बनाना चाहिए भले ही वह किसी भी पार्टी का हो।

प्रवचन का समापन करते हुए अंत में आपने कहा कि मैं अपने चातुर्मास के दौरान विभिन्न गुटोंमें बटी समाज को संगठित कर एकजुट करने का प्रयास करूंगा और इसी उद्देश्य से मै इंदौर में चातुर्मास कर रहा हूं।प्रारंभ में श्री सुशील पांड्या,

हंसमुख गांधी, विपुल बांझल,

सतीश जैन, प्रिंसिपाल टोंग्या एवं आलोक जैन ने आचार्य श्री के समक्ष श्रीफल समर्पित कर आशीर्वाद प्राप्त किया धर्म सभा का संचालन राजेश जैन दद्दू ने किया।

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