छोटे सरकार के सानिध्य में धूनी वाले दादा जी का 92 प्रकटय महोत्सव संपन्न Dhuni wale Dada ji's 92 appearance festival concluded in the company of Chhote Sarkar

 छोटे सरकार के सानिध्य में धूनी वाले दादा जी का 92 प्रकटय महोत्सव संपन्न

मुकेश खेड़े 

बड़वाह---नर्मदा के उत्तर तट स्थित दादा दरबार के संत श्री श्री 1008 रामेश्वर  अर्थात छोटे सरकार के सानिध्य में आठ दिवसीय श्री धूनीवाले दादाजी केशवानंद जी महाराज के 92 वा प्राकट्य महोत्सव के दूसरे दिवस ब्रह्मवैवर्त पुराण के कथावाचक संत श्री दीनबन्धुदास महाराज ने ब्रह्मवैवर्त पुराण कहता है

बड़वाह---नर्मदा के उत्तर तट स्थित दादा दरबार के संत श्री श्री 1008 रामेश्वर  अर्थात छोटे सरकार के सानिध्य में आठ दिवसीय श्री धूनीवाले दादाजी केशवानंद जी महाराज के 92 वा प्राकट्य महोत्सव के दूसरे दिवस ब्रह्मवैवर्त पुराण के कथावाचक संत श्री दीनबन्धुदास महाराज ने ब्रह्मवैवर्त पुराण कहता है

 कि सृष्टि में असंख्य ब्रह्माण्ड हैं और प्रत्येक ब्रह्माण्ड के अपने.अपने ब्रह्मा विष्णु महेश हैं।इन सभी ब्रह्माण्डों से बहुत दूर और बहुत ऊपर गोलोक है जहां श्रीकृष्ण का शाश्वत निवास है।सृष्टि निर्माण के प्रारंभ में सबसे पहले श्रीकृष्ण के बाएं भाग से श्रीराधा जी प्रकट हुईं।कृष्ण से ही कालए धर्म और प्रकृति उत्पन्न हुए।पुनः श्रीकृष्ण के दाएं अंग से नारायण और बाएं अंग से पंचमुखी शिव उत्पन्न हुए। 

बड़वाह---नर्मदा के उत्तर तट स्थित दादा दरबार के संत श्री श्री 1008 रामेश्वर  अर्थात छोटे सरकार के सानिध्य में आठ दिवसीय श्री धूनीवाले दादाजी केशवानंद जी महाराज के 92 वा प्राकट्य महोत्सव के दूसरे दिवस ब्रह्मवैवर्त पुराण के कथावाचक संत श्री दीनबन्धुदास महाराज ने ब्रह्मवैवर्त पुराण कहता है

नाभि से ब्रह्मा जी मुख से सरस्वती और श्रीकृष्ण के अन्य विभिन्न अंगों से दुर्गा जीए सावित्री जी कामदेव रति अग्नि वरुण वायु आदि भिन्न.भिन्न देवी देवता उत्पन्न हुए।श्री ब्रह्मवैवर्त पुराण कथा मे वेसन दोष मुक्त के बारे मे सुनाया

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