नवरात्रि पर्व पर दो दिवसीय वनवासी लीला नाट्य़ का आयोजन हुआ संपन्न।A two-day Vanvasi Leela Natya was organized on the occasion of Navratri festival.

नवरात्रि पर्व पर दो दिवसीय वनवासी लीला नाट्य़ का आयोजन हुआ संपन्न।

कुक्षी /निसरपुर से राहुल मालवीया की रिपोर्ट.

निसरपुर-संसार के हर प्राणी और जीवो में ईश्वर बसते है  मानव जीवन में ईश्वर को प्राप्त करना हो तो ईश्वरीयभक्ति ऐसा एकमात्र साधन है जिसे करके ईश्वर को प्राप्त किया जा सकता है वही ऋषि मातुंग जैसे संतो के  आश्रम में सिंह जैसे हिंसक जानवर भी अपनी हिंसा छोड़ देते है जैसे राम कथा के वर्णित पात्र के मध्य भाग भक्तिमति माता शबरी दर्शन के करवाते हुए बताया गया कि किस तरह वनवासी माता शबरी ने प्रभु श्री राम की भक्ति कर उनके दर्शन किए ।
निसरपुर-संसार के हर प्राणी और जीवो में ईश्वर बसते है  मानव जीवन में ईश्वर को प्राप्त करना हो तो ईश्वरीयभक्ति ऐसा एकमात्र साधन है जिसे करके ईश्वर को प्राप्त किया जा सकता है वही ऋषि मातुंग जैसे संतो के  आश्रम में सिंह जैसे हिंसक जानवर भी अपनी हिंसा छोड़ देते है जैसे राम कथा के वर्णित पात्र के मध्य भाग भक्तिमति माता शबरी दर्शन के करवाते हुए बताया गया कि किस तरह वनवासी माता शबरी ने प्रभु श्री राम की भक्ति कर उनके दर्शन किए ।


मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग द्वारा स्थानीय दशहरा मैदान प्रांगण में रविवार को सायं 7 बजे से रात्रि 9 बजे तक श्री राम कथा साहित्य के वर्णित वनवासी लीला के तहत पहले दिन भक्ति में शबरी का आयोजन हुआ इसमें निर्देशक विजय सोनी खंडवा के नेतृत्व में उनके कलाकार द्वारा नाट्य मंचन की जीवंत प्रस्तुति देते हुए दर्शकों का दिल जीत लिया भक्ति मति शबरी में श्री राम कथा के अंतर्गत माता शबरी प्रसंग का विस्तृत नाट्य मंचन किया गया जिसका मूल उद्देश्य था कि धर्म में जात पात का कोई स्थान नहीं होता है कोई भी व्यक्ति अपनी भक्ति के बल पर भगवान को प्राप्त कर सकता है जैसे भीलनी महिला माता शबरी ने अपनी भक्ति द्वारा भगवान श्रीराम को प्राप्त किया था इस कार्यक्रम मैं मुख्य अतिथि के रूप में जिला पंचायत सदस्य चंचल पाटीदार जनपद पंचायत उपाध्यक्ष जगदीश भायल व ग्राम सरपंच अंतिम पटेल की अध्यक्षता में आयोजन का शुभारंभ किया गया।


 ’श्रीरामकथा में वर्णित वनवासी चरितों आधारित भक्तिमती शबरी एवं निषाद्राज गुह्य लीला-नाट्य प्रस्तुति तथा इन लीला नाट्यों की पटकथा आधारित चित्र प्रदर्शनी का संयोजन प्रदेश के 89 जनजातीय विकासखण्डों में किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के प्रथम दिवस  लीला प्रस्तुति का भक्तिमय शबरी का प्रसंग निर्देशन 
 लीला प्रस्तुति विजय सोनी खण्डवा. संगीत- मिलिन्द त्रिवेदी, मुम्बई। पटकथा- योगेश त्रिपाठी, रीवा आदि का सहयोग दिया।  भक्तिमती शबरी की प्रस्तुति बाद दूसरे दिन निषाद्राज गुह्य की कथा प्रशंग बताया गया।
आयोजित दो दिवसीय वनवासी लीला प्रस्तुति समारोह का शुभारंभ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती पूजन व दीप प्रज्वलित कर किया  गया साथ ही उपस्थित अतिथि सहित राजेन्द्र एन पटेल ,धुरजी पाटीदार, कन्हैयालाल चौहान आदि अतिथियों का, प्रशासनिक अधिकारी ज.प.सीईओ एस.डी.माध्वाचार्य, बीईओ हीरालाल निंगवाल , प्राचार्य नामदेव जी , नरेंद्र सनोठिया द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया। कार्यक्रम का संचालन रामेश्वर पाटीदार  ननोदा ने किया। आभार बिईओ हीरालाल निगवाल ने माना।

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