परमात्मा की नाण भर तपस्वियों ने किया महातप आराधना का शुभारंभ The ascetics started the great penance worship of God

परमात्मा की नाण भर तपस्वियों ने किया महातप आराधना का शुभारंभ

जहा पुण्य सम्राट की मेहर होती है वहा तपस्या की लहर होती है - सा.श्री तत्वलताश्रीजी

लोहित झामर दबंग देश

मेघनगर।

नगर में आयोजित ज्ञानतत्व तपोमय चातुर्मास के अंतर्गत आज पुण्य सम्राट गुरुदेव श्रीमद विजय जयंतसेन सुरीश्वरजी महाराजा की पुण्य सप्तमी के शुभ दिन गच्छाधिपति आचार्यश्री के आशीर्वाद से पूज्य साध्वीश्री तत्वलताश्रीजी महाराज साहब आदि ठाणा 4 की पुनीत निश्रा में 100 दिवसीय भद्रतप एवं 45 दिवसीय सिद्धितप महाराधना का शुभारंभ विधिकारक विपिनिभाई द्वारा समस्त तपस्वियों को परमात्मा की नाण भरवाकर करवाया गया।



पूज्य साध्वीजी ने इस दौरान सभा को संबोधित करते हुए तप की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, हमे अपने भावो को मजबूत बनाकर यह तप आराधना पुण्य सम्राट को समर्पित करना है। 

आप सभी की तपस्या पूज्य गुरुभगवंतो के आशीर्वाद से एवं जिनशासन के प्रभाव से निर्विघ्न संपन्न होगी।



आज सभी तपस्वियों को विजय तिलक किया गया जिसका लाभ नरेन्द्रजी, राहुलजी, आरवजी रांका परिवार ने लिया, वही तस्वियो को अक्षत और श्रीफल प्रदान करने का लाभ सोहनलालजी, राहुलजी, रिदीतजी, दीर्घजी रूनवाल परिवार ने लिया।

उक्त जानकारी देते हुए रजत कावड़िया और देवेंद्र जैन ने बताया कि आज सभी तपस्वियों को परमात्मा के समवसरण के समक्ष श्रीसंघ की ओर अक्षत से वधाने का लाभ शांतिलालजी, राकेशजी, आदिशजी लोढ़ा परिवार ने लिया। 

साथ ही बताया कि आज प्रथम पड़ाव के प्रथम उपवास के बियाशने श्रीसंघ द्वारा दोनो महातप के आराधकों के करवाए जायेंगे, आज के प्रथम बियाशने का लाभ सेठश्री सौभागमलजी शांतादेवी रूनवाल की स्मृति में रूनवाल परिवार मेघनगर द्वारा लिया गया।

साथ ही कावड़िया ने बताया की इसी तरह 2 उपवास के बाद दूसरे पड़ाव के बियाशने का विनोदजी रणजीतसिंहजी बाफना परिवार, 3 उपवास के बाद तीसरे पड़ाव के बियाशने का नरेन्द्रजी राहुलजी रांका परिवार, 4 उपवास के बाद चौथे पड़ाव के बियाशने का राजेंद्रजी बाबूलालजी कांठी परिवार, 5 उपवास के बाद पांचवे पड़ाव के बियाशने का लाभ शिरोमणीदेवी समरथमलजी रूनवाल परिवार, 6 उपवास के बाद छठे पड़ाव के बियाशने का जिनेंद्रजी रंजीतसिंहजी बाफना परिवार और 7 उपवास के बाद सातवे पड़ाव के बियाशने का लाभ स्नेहलता मनोहरलालजी कावड़िया परिवार द्वारा लिया गया।

सिद्धितप के तपस्वियों का मुख्य पारणा 9 सितंबर को होगा जिसके की लाभ बाद में दिया जायेगा।

वही भद्रतप के तपस्वियों का पारणा दीपावली के बाद आयेगा। 

परिषद अध्यक्ष देवेंद्र जैन ने बताया कि इस आयोजन को ऐतिहासिक बनाने के लिए सकल जैन श्रीसंघ, परिषद परिवार, नवयुवक मंडल आदि सभी के कार्यकर्ता अपनी अपनी सेवाए प्रदान करेंगे।

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