अपील - विद्यार्थियों पर अधिक नंबर या परसेंटेज लाने के लिए दबाव ना बनाएं : वरिष्ठ समाजसेवी मुसरफ खान Appeal - Do not put pressure on students to get more marks or percentage: Senior social worker Musraf Khan

 अपील - विद्यार्थियों पर अधिक नंबर या परसेंटेज लाने के लिए दबाव ना बनाएं : वरिष्ठ समाजसेवी मुसरफ खान 

माता-पिता व अभिभावक अपने बच्चे को भरोसा दिलाएं कि वे परीक्षा में बेहतर करेंगे : वरिष्ठ समाजसेवी मुसरफ खान 

आगरा। बोर्ड की परीक्षाओं में सभी अभिभावकों की अपेक्षा रहती है कि उनकी संतान परीक्षा अच्छे से अच्छा नंबर लाए। इसी अपेक्षा में वे जाने-अनजाने बच्चों पर अतिरिक्त मानसिक दबाव और तनाव डाल देते हैं। 

जिसके चलते उनकी पढ़ाई ठीक से नहीं हो पाती और विद्यार्थियों के मन में निराशा की भावना आ जाती है। कई बार परीक्षा में असफल होने या अभिभावकों की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरने पर विद्यार्थी गलत कदम भी उठा लेते हैं।

आगरा। बोर्ड की परीक्षाओं में सभी अभिभावकों की अपेक्षा रहती है कि उनकी संतान परीक्षा अच्छे से अच्छा नंबर लाए। इसी अपेक्षा में वे जाने-अनजाने बच्चों पर अतिरिक्त मानसिक दबाव और तनाव डाल देते हैं। जिसके चलते उनकी पढ़ाई ठीक से नहीं हो पाती और विद्यार्थियों के मन में निराशा की भावना आ जाती है। कई बार परीक्षा में असफल होने या अभिभावकों की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरने पर विद्यार्थी गलत कदम भी उठा लेते हैं।

सन्दर्भ में लोकप्रिय व् सुप्रशिद्ध वरिष्ठ समाजसेवी मुसरफ खान ने बताया कि यह परीक्षाओं का समय है। पढ़ाई के लिए दबाव बनाना वास्तव में बच्चों पर और अधिक तनाव डालना है। अभिभावक अपने बच्चों को यह जरूर कहें कि हम जानते हैं कि तुम परीक्षा में अच्छी परफारमेंस के लिए तैयार हो। अपनी तरफ से अच्छा करो। तुम्हारा जैसा भी परीक्षा परिणाम आएगा हमें मंजूर होगा। 

बच्चों के सामने चिंतित चेहरा न रखें। अभिभावकों का चिंतित चेहरा देखकर बच्चे और अधिक तनाव अनुभव करेंगे। इससे जो वे याद किए हैं और पढ़े हैं, वह भूलने लगेंगे।

 परीक्षा की तैयारी के दौरान बच्चों को अच्छे पेन लाकर दें जो उनके लिए जरूरी है। यह बच्चों के तनाव को हल्का करने में सहायक होगा। बच्चों को तैयारी में सहायता जरूर करें पर दबाव न डालें। कठिनाइयों को शिक्षकों व सहपाठियों से साझा करें। 

विद्यार्थियों के लिए यह समय कुछ नया पढ़ने या सीखने का नहीं है। जो वे पढ़ चुके हैं उसके रिविजन में जुट जाएं। विद्यार्थी उन विषयों और पाठ्यक्रम को पहचानने की कोशिश करें, जिनमें उन्हें कठिनाई आती है। 

इसके बाद शिक्षक या विषय के जानकार अन्य लोगों से मिलकर उन कठिनाइयों को दूर करें और माता-पिता व अभिभावक अपने बच्चे को भरोसा दिलाएं कि वे परीक्षा में बेहतर करेंगे। बच्चों का चंचल मन बहुत जल्दी दूसरी तरफ डायवर्ट हो जाता है। घर में पढ़ाई का माहौल बनाए रखें। 

इस दौरान शादी विवाह या अन्य आयोजनों में बच्चों का जाना अवाएड करें।बच्चों की कमजोरियों का भी दूसरे के सामने न प्रकट करें न ही उपहास उड़ाए। बल्कि उन्हें एकांत में बैठा करके उसे दूर करने का प्रयास करें।

 उनकी थोड़ी सी भी नाराजगी बच्चों की आलोचना या नकारात्मक कमेंट बच्चों के कंसंट्रेट को बिगाड़ने के लिए पर्याप्त होता है। बच्चों को उच्च मनोबल और उत्साह से परीक्षा देने के लिए प्रोत्साहित करें। निसंदेह इससे वह बेहतर कर पायेंगे। अगर किसी कारणवस रिजल्ट अपेक्षा के अनुसार नहीं रहा तो यह न मानें की उनके लिए दुनिया खत्म नहीं हुई है। 

भले ही थोड़ी ही देर लगे लेकिन आप सही दिशा में ईमानदारी से पूरी जिम्मेदारी के साथ मेहनत करेंगे तो निश्चित ही सफल होंगे। इसलिए सभी अभिभावकों की से हमारी अपील हैं कि विद्यार्थियों पर अधिक नंबर या परसेंटेज लाने के लिए अनावश्यक दबाव ना बनाएं।

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