बुराई से बचने पर ही हम पापों से दूर रह सकते हैं प्रवर्तक श्री विजय मुनि जी म सा Only by avoiding evil can we stay away from sins. Founder Shri Vijay Muni Ji M Sa

 बुराई से बचने पर ही हम पापों से दूर रह सकते हैं  प्रवर्तक श्री विजय मुनि जी म सा

दबंग देश

नाहरू मोहम्मद दबंग देश जावरा ।ज्ञान हमें देखने पढ़ने सुनने से प्राप्त होता है महात्मा गाँधी ने भी ३ बंदरो के माध्यम से भगवान का दिया सन्देश को फैलाया है की बुरा मत कहो बुरा मत सुनो बुरा मत कहों बुराई से बचने पर ही हम पापों से दूर रह सकते है

नाहरू मोहम्मद दबंग देश जावरा ।ज्ञान हमें देखने पढ़ने सुनने से प्राप्त होता है महात्मा गाँधी ने भी ३ बंदरो के माध्यम से भगवान का दिया सन्देश को फैलाया है की बुरा मत कहो बुरा मत सुनो बुरा मत कहों बुराई से बचने पर ही हम पापों से दूर रह सकते है

 हमें समन्वय बना कर रखना चाहिए पूज्य गुरुदेव जैन दिवाकर श्री चौथमल जी म सा ने भी कहाँ है, कि मानव को कभी अपने वचनों का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए उन्होंने हमेशा संघ समाज में सामंजस्य बना कर रहने का संदेश दिया है हमें भी अपने आपसी बैर को मिटा कर भाईचारे का सन्देश देना चाहिए।

उक्त बात श्रमण संधिय प्रवर्तक श्री विजय मुनि जी म सा ने जैन दिवाकर भवन जावरा पर कही। 

मधुर व्खायानी उपप्रवर्तक श्री चंद्रेश मुनि जी म सा ने भी धर्मं सभा को संबोधित करते हुए कहा की हमें बहुत मुश्किल से मानव जन्म मिला है हमें आत्म अवलोकन करना जरुरी है। दीपक तले अँधेरा लेकिन दीपक सोचता है, कि में प्रकाश पुंज हुं पर हमें भी स्वयं को देखना है जो स्वयं को देखता है 

वह अवश्य पाता है लेकिन हम दीपक की तरह दूसरो को देखते है यह अमर्यादित आचरण हमें अधर्म के मार्ग पर ले जाता है। अमर्यादित आचरण करने से रोगी बन जाओगे भगवान ने बहुत ही सरल मार्ग हमें बताया है आत्म ज्ञान को देखो जो स्वयं को जान लेता है वहा सब को जान लेता है। आत्म अवलोकन करने से व्यक्ति आत्मार्थी बन जाता है रसेन्द्रिय को जीत लेता है तो वह जिनेन्द्र बन जाता है ।

महासती अरिहंत आराधिका प्रवचन मनीषी डा.विजय श्री जी सुमन में भी अपने प्रवचन के माध्यम से बताया की हमें पांच इन्द्रिया मिली है, लेकिन हम इसका सदुपयोग कर रहे है या दुरुपयोग इसका ज्ञान हमें होना ही चाहिए।परमात्मा का बनाया हुआ खिलौना यह हमारा शरीर है 

जब तक चल रहा है, सभी संभाल कर रख्रते है नष्ट होने पर घर वाले भी नहीं रखते है। इसलिए हमें अपनी आत्म में रहना चाहिए हम जहा जाते है वेसे हो जाते है पर हमें आपनी आत्मा में रमण करना चाहिए।उपरोक्त  जानकारी देते हुए श्री संघ के महामंत्री महावीर छाजेड, एवं अ भा जैन दिवाकर विचार मंच के राष्ट्रीय मिडिया प्रभारी संदीप रांका ने बताया की दिनांक 23 जनवरी 2024 मंगलवार को प्रति माह सुदि तेरस के जाप दिवाकर भवन पर किए जाते हैं उसी कड़ी में पौष शुक्ला तेरस के जाप प्रातः 9 से पूज्य गुरुदेव के पावन सानिध्य में संपन्न किए जाएंगे प्रतिदिन प्रवचन की श्रृंखला गतिमान है ।

  धर्म सभा में  ओमप्रकाश श्रीमाल, संदीप रांका, राकेश मेहता, सुजानमल औरा, शांतिलाल डांगी, धनसुख चोरडिया, बसंतीलाल चपडोद, शेखर नाहर, सुशील चपडोद, विनोद लूणीया, अजीत रांका, अतुल मेहता, पुखराज कोच्चटा, जवाहरलाल श्रीश्रीमाल, सुरेंद्र मेहता, अनिल पोखरना ,विजय भण्डारी, सुशील मेहता, अनिल दुग्गड ,वर्धमान माण्डोत, पारसमल औरा, अशोक मेहता,

 अभय मंडलेचा, पराग कोच्चटा, राजमल भंडारी, संजय सुराणा, संजय भटेवारा, बाबूलाल भटेवरा,  विनोद लुणीया, सुनिल मेहता, सुभाष चोरडीया, नेमिचंद रांका, महेंद्र रांका  प्रफुल्ल तातेड,फतेहलाल मेहता, निरंजन राका, दिलीप चत्तर,अजय चपडोद, संदीप जैन, आदि उपस्थित थे।प्रभावना का लाभ श्री मति चंदनबाला जी संदीप हार्दिक जैन ने लिया।संचालन महामंत्री महावीर छाजेड ने किया।

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