भगवान महावीर के सिद्धांत जियो और जीने दो,अहिंसा परमोधर्म का संदेश देते है।
नाहरू मोहम्मद दबंग देश जावरा ।
श्रमण संस्कृति अमर देवता भगवान महावीर स्वामी के मार्ग पर चलने वाले जन जन तक जिनवाणी का श्रवण कराकर मानवता का कल्याण करवाने वाले साधु साध्वी भगवान महावीर के सिद्धांत जियो और जीने दो अंहिसा परमोधर्म के मार्ग पर चलने का संदेश देते हैं ।
ऐसे ही श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ जावरा के सदस्यों द्वारा एक धार्मिक यात्रा के दोरान पुज्य गुरुदेव कर्नाटक गज केशरी खादीधारी तपस्वी श्री गणेश मुनी जी म सा तपोधाम जालना पर विराजित पुज्य गुरुदेव जैन दिवाकर श्री चोथमल जी म सा के अनुयायी संथारा साधक पश्चिम भारतीय प्रवर्तक प्रवर्तक श्री रमेश मुनी जी म सा के सुशिष्य जैन दिवाकरीय आगम ज्ञाता दक्षिण भुषण श्रमण संघीय उपाध्याय डाॅ गौतम मुनी जी म सा, आगम ज्ञाता श्री वैभव मुनी के दर्शन वंदन के साथ धर्म चर्चा कि गई
उपाध्याय श्री गौतम मुनी जी म सा प्रथम के दर्शनाथ आज जावरा, हैदराबाद, मुंबई, इन्दौर,इचलकरंजी,सिकंदराबाद, आदी शहरों से गुरुभक्तों का ताता लग गया था
इस मोके पर पुर्व अध्यक्ष बसंतीलाल चपडोद, सुजानमल कोचट्टा, शांतिलाल दुग्गड, संदीप रांका, मनोहरलाल चपडोद, शेखर नाहर, नितिन कोलन, पंकज श्री श्रीमाल, अशोक रांका, नरेन्द्र रांका के साथ जैन दिवाकर महिला मंडल कि पुष्पा चपडोद, सरला रांका, सविता कोचट्टा, अंगुरबाला दुग्गड, इन्द्रा देवी नाहर, प्रेमलता कोलन, सुशीला चपडोद, शांताबाई श्रीश्री माल आदी उपस्थित थे।
उक्त जानकारी जैन दिवाकर मंच के जिला अध्यक्ष शेखर नाहर द्वारा दि गई है ।
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