नगर का एक मात्र बस स्टेंड सही प्लानिंग के अभाव मेंअतिक्रमण की भेंट चढ़ा ।अतिक्रमण की बाड़ से यात्री परेशान।The city's only bus stand, due to lack of proper planning, got encroached upon. Passengers were troubled by the encroachment fence.

 नगर का एक मात्र बस स्टेंड  सही प्लानिंग के अभाव मेंअतिक्रमण की भेंट चढ़ा ।

अतिक्रमण की बाड़ से यात्री परेशान।

नई पार्षद से ही सुधार की उम्मीद

  नाहरू मोहम्मद दबंग देश जावरा ।

अतिक्रमण और अराजकता पर शहर का एक मात्र बस स्टेंड अपनी दुर्दशा पर  आंसू बहा रहा है। यहां पर अतिक्रमण और अराजकता के बीच बसें संचालित हो रही हैं। जानकारी के अनुसार एक बड़े क्षेत्र में बस स्टैंड  बनाया गया था।  किंतु जैसे ही समय बीतता गया ,बेहतर योजना के अभाव में बस स्टैंड के भाग में कॉम्पलैक्स और दुकानें बना दी गई है।  इसके साथ यहां अतिक्रमण भी पसर गया । अब यहां पर अराजकता का माहौल है। यात्रियों ने बताया कि कब कौन सी बस याऑटो आकर उनकी जान ले ले कहा नहीं जा सकता है। इन अव्यवस्थाओं के बीच वह यात्रा के लिए मजबूर हैं। नई परिषद से ही कोई सुधार की आशा की जा सकती है।

नई पार्षद से ही सुधार की उम्मीद।  नाहरू मोहम्मद दबंग देश जावरा ।अतिक्रमण और अराजकता पर शहर का एक मात्र बस स्टेंड अपनी दुर्दशा पर  आंसू बहा रहा है। यहां पर अतिक्रमण और अराजकता के बीच बसें संचालित हो रही हैं। जानकारी के अनुसार एक बड़े क्षेत्र में बस स्टैंड  बनाया गया था।  किंतु जैसे ही समय बीतता गया ,बेहतर योजना के अभाव में बस स्टैंड के भाग में कॉम्पलैक्स और दुकानें बना दी गई है।  इसके साथ यहां अतिक्रमण भी पसर गया । अब यहां पर अराजकता का माहौल है। यात्रियों ने बताया कि कब कौन सी बस याऑटो आकर उनकी जान ले ले कहा नहीं जा सकता है। इन अव्यवस्थाओं के बीच वह यात्रा के लिए मजबूर हैं। नई परिषद से ही कोई सुधार की आशा की जा सकती है।

 शहर के  इंदिरा गांधी प्रियदर्शनी बसस्टैंड का जब निर्माण हुआ था तब तत्कालीन नगर पालिका द्वारा यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने का वादा किया गया था।  किंतु  जैसे ही समय बीतता गया सही प्लानिग के अभाव में अनेक निर्माण कार्य ऐसे हुए  है कि विस्तृत क्षेत्र  में  फेला बस स्टेंड सकड़ा हो गया है। जिसके चलते  यहां पर सुविधाओं का विकास नहीं हो पा रहा है।

अति वर्षा के साथ अव्यवस्थाओं की दोहरी मार ने यात्रियों को परेशान कर रखा है। यहां पर प्रतीक्षालय में लगे पंखें बंद हैं। कई स्थानों पर तो यह पंखे तारों से कनेक्ट ही नहीं हैं। यहां पर गर्मी और उमस के बीच पेयजल के भी ठीक इंतजाम नहीं हैं। मजबूरी में कई बार यात्रियों को पानी की बोतल खरीदकर अपनी प्यास बुझाना पड़ रही है। कई यात्री तो यह भी कह रहे हैं,  कि  आस पास के दुकानदारों की सांठ गांठ  के चलते पानी की बोतल खरीदना पड़ती है। यही कारण हैं कि बस स्टैंड में पेयजल के लिए पुख्ता इंतजाम किए ही नहीं  किए जा रहे हैं ताकि यात्री मजबूरी में पानी खरीदें। रतलाम जा रहे यात्री बंसीलाल पोरवाल ने आरोप लगाया कि यदि बस स्टैंड में सही पेयजल व्यवस्था नहीं है,  पानी तक पर कुछ दुकानदारों द्वारा कब्जा कर रखा है।बसों की प्रतीक्षा करते हुए  यात्रियों की भीड़ रहती है। लेकिन बदहाली की मार झेल रहे बस अड्डे में यात्रियों के बैठने के पर्याप्त इंतजाम भी नहीं है। यहां पर कई कुर्सियां भी टूट गई हैं। जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता के कारण यह स्थितियां बनी हैं।

नगर पालिका को बसस्टैंड से राजस्व मिलता है। इसके बावजूद बसस्टैंड में अव्यवस्था है। समस्याओं के समाधान की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिम्मेदारों की नजर नहीं पड़ रही हैं। वर्षों बाद भी यात्री बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं।

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