15 करोड से बने जिला अस्पताल में जमीन पर ईलाज करवाने को मजबुर मरीज।
कलेक्टर ने 7 दिन पहले निरीक्षण कर व्यवस्था सुधारने के दिए थे निर्देश । वृद्ध मरीजो के लिए आरक्षित पलंग पर हो रहा युवाओ का ईलाज।फोटो सुनील कवलेचा आगर-मालवालगातार बारिश के चलते मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ने लगा है। जिले के विभिन्न अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है। साथ ही इसके ओपीडी के आंकड़े में प्रतिदिन बढ़ोतरी हो रही है।
एसे में बडौद रोड पर 15 करोड से बने जिला अस्पताल में हालत बद से बत्तर दिखाई दिए कहने को तो मरीजो के लिए 200 बेड का अस्पताल है परन्तु यहा के हालत कुछ और ही बया कर रहे है जब अस्पतात में दबंग देश टीम पहुंची तो वार्डो में निचे जमीन पर ही गद्दा बिछाकर अपना ईलाज करवा रहे थे । कुछ मरीजो को 2 से 3 तीन हो जाने के बाद भी बेड नसीब नही हुआ। वृद्ध मरीजो के लिए आरक्षित पलंग पर हो रहा युवाओ का ईलाज। जिला अस्पताल में वृद्ध मरीजो के लिए अस्पताल प्रशासन ने पलंग आरक्षित कर रखे है परन्तु उनका उपयोग वृद्ध मरीजो की जगह युवा करवा रहे थे ईलाज। जबकि वृद्ध भागीरथ सिंह उम्र 70 वर्ष निवासी सिंगनखेडा वार्ड के बाहर पोर्च में जमीन पर गद्दा पर लिटाकर चल रहा था। वही वृद्ध की ईसीजी भी जमीन पर हो रही थी।
इनके साथ ही कई मरीज जमीन पर ईलाज करवा रहे थे। पुरुष व महिला वार्ड के मरीजो का हाल बेहाल। पुरुष वार्ड में तीन दिन से भर्ती मालीखेडी निवासी लालसिंह राव ने बताया कि में पिछले तीन दिन से भर्ती हुं यहा बेड पर चादर बिछाने वाला कोई नही आया व अन्य कई मरीजो के पलंग पर चादर नही दिखाई दिए बतादे कि स्वास्थ्य नियम के अनुसार मरीजो के पलंग की चादर प्रतिदिन बलदनी होती है परन्तु बिना चादर के लेटे ईलाज करवाते नजर आए । महिला वार्ड में पूजा पति शोदान सिंह , बुवान बाई, सोनू ने बताया कि हम दो दिनो से जमीन पर गद्दे पर ही ईलाज करवा रहे है। वही मरीजो के साथ परीजनों का कहना था कि हमारी कोई सुनने वाला ही नही है। वही कुछ वार्डो में पलंग खाली है उसके बाद भी हमारे परीजन का ईलाज जमीन पर ही हो रहा है। कलेक्टर के निर्देश की अस्पताल प्रबन्धन उडा रहा मखोल 2 0 अगस्त को कलेक्टर अवधेश शर्मा ने जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण कर मरीजो का हाल जाना था। वही स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश अस्पातल में हो रही अव्यवस्था को दुरस्त करने के निर्देश दिए थे परन्तु कलेक्टर के निर्देश के बाद भी अस्पताल प्रबन्धन के कानो पर जू तक रही रेंगी। जिसका खामियाजा आम मरीजों को भुगतना पड रहा है। इस संबंध में जब जिला अस्पताल के सिवील सर्जन एस के पालीवाल से चर्चा करना चाही तो उनका मोबाईल बन्द आ रहा था।
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