" पॉलिश किया हुआ गेहूँ बेचते थे आरोपी sc के जज ने आरोपियों के वकील से कहा-आप खाकर दिखाइये और जमानत ले जाइये......
नईदिल्ली sc
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केवल भारत में हम स्वास्थ्य चिंताओं को लेकर उदासीन है। खाद्य पदार्थ में मिलावट के एक मामले में आरोपी की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई से इनकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी की। सुप्रीम कोर्ट ने वकील से कहा कि क्या आप अपने क्लाइंट का खाद्य पदार्थ खाने को तैयार हैं।
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस इंदिरा बनर्जी की अगुवाई वाली बेंच के सामने मध्यप्रदेश के नीमच जिले के दो याचिकाकर्ता प्रवर गोयल और विनीत गोयल की ओर से अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल की गई थी। मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि आप की अर्जी पर हम विचार करने के लिए तैयार हो जाएंगे, अगर आप या आपकी फेमेली उस खाद सामग्री को खाने के लिए तैयार है जो आप क्लाइंट बेचता है।
चुप हो गए याची के वकील याचिकाकर्ता के वकील इस पर चुप से हो गए और फिर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह अग्रिम जमानत की अर्जी पर विचार के लिए तैयार नहीं है। कोर्ट ने कहा कि हम इस तरह के मामले में विचार के लिए तैयार नहीं है। तब याचिकाकर्ता ने कहा कि वह अर्जी वापस लेना चाहते हैं सुप्रीम कोर्ट ने याची के वकील से कहा कि क्या आप और आपकी फैमिली ये सामग्री खाने को तैयार है। अगर हां तो हम जमानत के लिए तैयार हैं। अदालत ने कहा कि आप को जवाब देने में दिक्कत क्यों हो रही है। लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया जाए ? हम आप की अर्जी पर क्यों विचार करें।
अग्रिम जमानत खारिज याचिकाकर्ता के वकील ने मामले की सुनवाई के दौरान गुहार लगाई थी कि खाद्य पदार्थ में मिलावट का मामला जमानती है ऐसे में उनके क्लाइंट के गिरफ्तारी का औचित्य नहीं है। धोखाधड़ी का आरोपी भी है और वह गैर जमानती है ऐसे में अग्रिम जमानत दी जानी चाहिए । दोनों आरोपियों पर आरोप है कि दोनों पॉलिश वाले गेहूं बेचते थे । उसमें किया जाने वाला रंगरोगन खाने वाले नहीं थे । दिसंबर में हुई रेड में सेकड़ो किलोग्राम पॉलिश किया हुआ गेहूं बरामद किया गया था। दोनों पर मिलावटी खाद्य पदार्थ बेचने का आरोप लगाया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्वास्थ्य के मामले में सिर्फ भारत में लिबरल रवैया है।
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