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कोरोना राक्षस से क्या कम है जो माता रानी की चौखट से वंचित कर दिया What is less than the corona demon who has been deprived of the frame of mother queen

 कोरोना राक्षस से क्या कम है जो माता रानी की चौखट से वंचित कर दिया

              दबंग देश  गजेन्द्र माहेश्वरी

नीमच :- गतवर्ष भी कोरोना के कारण कुछ भक्त लोगो को माता रानी के दर्शन हो गए थे और कुछ डर के मारे दर्शन से वंचित हो गये थे । और इस बार तो कोरोना भक्तों को चौखट पर मत्था टेकने से पूरी यरन वंचित कर दिया,कोरोना ने भगवत पुराण की सुनी कथा कहानियों को हकीकत में बदल दिया बस यह है कि भगवान और माता रानी का नाम लेने से वंचित नही कर पाया।

नीमच :- गतवर्ष भी कोरोना के कारण कुछ भक्त लोगो को माता रानी के दर्शन हो गए थे और कुछ डर के मारे दर्शन से वंचित हो गये थे । और इस बार तो कोरोना भक्तों को चौखट पर मत्था टेकने से पूरी यरन वंचित कर दिया,कोरोना ने भगवत पुराण की सुनी कथा कहानियों को हकीकत में बदल दिया बस यह है कि भगवान और माता रानी का नाम लेने से वंचित नही कर पाया।

प्रतिवर्ष बड़ी और छोटी नवरात्रि में नीमच से 15 किलोमीटर दूर प्रसिद्ध महामाया भादवा माता मंदिर पर नवरात्रि का मेला लगता है, यह मेला भव्य और अलौकिक मेला लगता है। जिससे दूर-दूर से लाखों की तादाद में दर्शनार्थी माता के दर्शन कर मेले का आनंद लेते हैं वही दूर दूर से छोटे छोटे दुकानदार खिलोने वाले इत्यादि दुकान लगाने आते है, किंतु इस वर्ष बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण शासन आदेश अनुसार मेले का आयोजन निरस्त किया गया। जिसका असर नवरात्रि के अवसर पर दिनांक 14 अप्रैल बुधवार को देखने को मिला मंदिर परिसर पूरा सुना सुना रहा जो दुकानें लगती थी वह भी बंद मिली मंदिर में आने जाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहा, केवल मन्दिर पुजारी कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए यथावत दिखे ।

अष्टमी के दिन ओर रात्रि में चारों ओर से माता जी के मंदिर पर दर्शन के लिए श्रद्धालु पैदल पैदल माता के जयकारा लगाते हुए पहुंचते हैं वही रास्ते में चारों और सेवाभावी लोगों के द्वारा पैदल जाने वाले भक्तों के लिए नाश्ते पानी की पर्याप्त व्यवस्था रहती है। लेकिन इस कोरोना संक्रमण से अब पूरा रास्ता सुनसान दिखाई देता है। चैत की नवरात्रि में चारों ओर से आने वाले यात्रियों के कारण नीमच मनासा बस स्टैंड पर काफी चहल-पहल देखी जाती थी लेकिन अब यह करोना मंजर के कारण सब सुना सुना हो कर इससे व्यापारियों को भी नुकसान हुआ है। और खासकर मेले में उन छोटे छोटे दुकानदारों को अधिक नुकसान हुआ है जिनकी मेले की 10 दिन की बिक्री पर पूरे साल की आस लगी रहती थी। लेकिन अब विधि के विधान के कारण कुछ किया भी नहीं जा सकता है।

 पर इस करोना ने सब कुछ चौपट कर दिया।

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