ग्रीष्म काल में पशु पक्षियों को दाना पानी की Vyavstha कर रहे युवा (खुशियों की दास्तां)
भूखें को रोटी तथा प्यासे को पानी देना सबसे बड़ा पुण्य का कार्य है। ग्रीष्म काल में जब जल स्रोत सूखने लगते है तो पशु पक्षियों के सामने जीवन का संकट खड़ा हो जाता है। इन बेजुबान पशु पक्षियों की सुरक्षा तथा उनके भोजन पानी की व्यवस्था का दायित्व समाज पर है।
जिले में उत्कृर्ष सोशल डवलपमेंट फाउण्डेंशन के सदस्यों द्वारा बढ़ती गर्मी में परिंदों के लिए घरों में एवं घरों के आसपास दानापानी रखने की मुहिम चलाई जा रही है। गर्मी के समय बेजुबान पशु-पक्षियों के लिए अधिक से अधिक स्थानों पर सकोरे रखने का कार्य किया जा रहा है। उनका कहना है कि यह पुण्य का कार्य है, जो हम सभी को करना चाहिए। इस कार्य मे लगे सभी सदस्यों के द्वारा नगर के विभिन्न स्थानों पर सकोरा बांधे गए है जो इस भीषण गर्मी मे पशु पक्षियों को पीने के लिए पानी उपलब्ध कराती है। फाउंडेशन के सदस्यों ने जिले के सभी युवा वर्ग के साथियों से अपील की है कि अपने अपने घरों के छत पर किसी भी प्रकार के वस्तु पर पानी एवं दाना पक्षियों के लिए रखे। मुहिम में फाउंडेशन अध्यक्ष नितिन बशानी,सचिव उत्कर्ष माथुर,सदस्य हिमांशु तिवारी,सुमित राव, अनेक युवा सहित जुड़े है।
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