किसानों की खरी पसीने की कमाई को कैसे लगाते है चुना How did you put the hard earned money of the farmers

  किसानों की खरी पसीने की कमाई को कैसे लगाते है चुना......

     राजपालसिंह परिहार

खरा कमा खोटा खा..  खुद के बच्चों के पेट पर आंटी लगा....  अधिकारियों कर्मचारियों के बच्चे वीआईपी स्कूल में जाए इसके लिए तू सब सहता जा...... कब तक सहेगा किसान .....तनख्वाह तो खर्च करने की नहीं होती ऊपर की कट की कमाई मलाई के लिए कुछ भी करेंगे क्या..? माननीय कलेक्टर महोदय एक स्टेंडर्ड तोल गेहूं चना वारदान का जब कागज में 135 ग्राम गेहूं और 500 ग्राम चने के वारदान का है ,तो नमी का 800 ग्राम चने और गेंहू के बारदान का 300 से 350 सौ ग्राम तोल रहे हैं कर्मचारी, किसान अपना चना खरीदी केंद्रों पर ला कर वापस ले जा रहा है। यही गेहूं का कट्टा जब पीडीएस की दुकान पर बटने जाएगा तो 52 किलो का हो जाएगा। यह कैसा जादू ...?

खरा कमा खोटा खा..  खुद के बच्चों के पेट पर आंटी लगा....  अधिकारियों कर्मचारियों के बच्चे वीआईपी स्कूल में जाए इसके लिए तू सब सहता जा...... कब तक सहेगा किसान .....तनख्वाह तो खर्च करने की नहीं होती ऊपर की कट की कमाई मलाई के लिए कुछ भी करेंगे क्या..? माननीय कलेक्टर महोदय एक स्टेंडर्ड तोल गेहूं चना वारदान का जब कागज में 135 ग्राम गेहूं और 500 ग्राम चने के वारदान का है ,तो नमी का 800 ग्राम चने और गेंहू के बारदान का 300 से 350 सौ ग्राम तोल रहे हैं कर्मचारी, किसान अपना चना खरीदी केंद्रों पर ला कर वापस ले जा रहा है। यही गेहूं का कट्टा जब पीडीएस की दुकान पर बटने जाएगा तो 52 किलो का हो जाएगा। यह कैसा जादू ...?

  

मत बनिए लापरवाह अपना नही पर अपने परिवार बच्चों का तो ध्यान रखिये

समर्थन मूल्य पर शासकीय खरीदी केंद्र पर नियुक्त कई भ्रष्टाचारी कर्मचारी नमी का हवाला देकर किसान का दो टूक निवाला अपनी कमीशन के लिए निकाल रहे हैं। अगर किसान के 50 किलो चने पर 300 ग्राम चना एक 50 किलो के बेग पर मार रहे हैं तो 1000 क्विंटल चना तोलने पर 6 क्विंटल होता है। अगर 200 ग्राम अतिरिक्त तोल मारते हैं तो यह 1000 क्विंटल चने पर 4 क्विंटल चना हड़प कर जाते हैं और पूरे सेंटर के चनों का तोल अगर  अनुमान लगाये तो यह हजारों क्विंटल चना और गेहूं किसानों का सुखत के नाम से लूट जाता है, पूरे जिले का इस लूट का हिसाब आप निकालेगे तो... इसका वजन का आकलन भी नहीं कर सकते ? यही अब जादू देखिए यही कट्टा जो 50 किलो 250 ग्राम  या 300 ग्राम बारदान वाला जब यहां से पीडीएस की दुकान जाकर तूलेगा तो 52 किलो का हो जाएगा ?

 अगर सुखत या घटनी जाती है तो इसका उल्लेख शाशकीय तौर पर दस्तावेजों में क्यों नहीं है.?

 किसान के इस 200 से 300 ऊपरी कट वाले वारदान के तोल से अपनी मलाई चाटने वाले कर्मचारीयो को कोई सख्त निर्देश की आवश्यकता है.? आपके कंधों पर पहुंचते ही हम्माल 135 ग्राम का वरदान गेंहू पर और चने पर 500 ग्राम का वजन काटते दिख जाएगे पर आप के हटते ही वहीं वरदान का वजन 300 गेंहू और चने पर 700 से 800 ग्राम वजन काटने लग जाते हैं।

 मंदसौर कलेक्टर महोदय से आग्रह है कि सुखत या घटती का कोई उल्लेख स्टेंडर्ड तोल में नहीं है तो फिर ये किसान से क्यों वसूला जा रहा है.? दरअसल इस छोटी-सी लूट को जब आप पूरे जिले के मान से कैलकुलेट करेंगे तो भी अनुमानित वजन टनों में चला जाएगा और इसकी बंदरबांट भ्रष्टाचारी, माफिया कर्मचारियों की भेंट चढ़ जाएगा। ऐसे ही एक सीतामऊ केंद्र के बिलांत्री वेयर हाउस के तोल पर में पहुंचा उसका वीडियो भी बनाया है वह पर बड़ी सफाई से चल रहे वहा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कितनी सफाई से झूठ बोल रहा है..... कभी-कभी हो जाता है जब हमने हम्माल से सीधी बात की, वजन का वीडियो मेरे पास है जब आप इसे देखिए और किसान का बयान देखिए....!...

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