धर्मदास गण नायक प्रवर्तक जिनेन्द्रमुनिजी की 62वीं जन्म जयंती मनाईCelebrated 62nd birth anniversary of Dharmadas Gana Nayak promoter Jineendramuniji

 धर्मदास गण नायक प्रवर्तक जिनेन्द्रमुनिजी की 62वीं जन्म जयंती मनाई


थांदला। जैनाचार्य श्री उमेशमुनिजी "अणु" मसा में उत्तराधिकारी शिष्य प्रवर्तक श्री जिनेन्द्रमुनिजी मसा का 62 वॉ जन्म दिवस जैन धर्मावलंबियों द्वारा श्रद्धापूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर साध्वी श्री निखिलशिलाजी मसा व श्री प्रियशीलाजी मसा के सानिध्य में गुणानुवाद सभा का आयोजन किया गया। धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए पूज्या श्रीनिखिलशिलाजी मसा ने कहा कि भगवान महावीर स्वामी ने भव्य आत्माओं को सुंदर मोक्षमार्ग बतलाया है, कई आत्माए इस मार्ग पर चल रही है उसी क्रम में पूज्य श्री जिनेन्द्रमुनिजी मसा धर्मदास गण के नायक के रूप में प्रवर्तक पद पर आसीन होकर चतुर्विध संघ को छत्र छाया प्रदान कर रहे है। 

आपश्री की ज्ञान सीखने और सिखाने की प्रवृत्ति अनुमोदनीय है। सीखे हुए ज्ञान की सतत आवृत्ति करते रहना साथ ही अन्य मुमुक्षु आत्माओं को, छोटे साधु-साध्वियों को ज्ञान आराधना में सलंग्न रखना उन्हें प्रेरित करते हुए उत्साह में वृद्धि करते रहना यह आपका हम सब पर उपकार है। आप स्वावलम्बी होकर अपना काम स्वयं ही करते थे वही अन्य सन्तों के कार्यों में सहयोग भी करते हुए अप्रमत्त बन प्रति क्षण जागृत रहकर संयम को सार्थक कर रहे है। धर्म सभा में साध्वी प्रियशीलाजी मसा ने कहा कि मोक्ष मार्ग की राह में राग और वैराग्य के युद्ध मे वैराग्य की विजय होती है। प्रवर्तक श्री जिनेन्द्रमुनिजी मसा ने आठ वर्ष के वैराग्य काल मे 

निर्विगय तप के साथ तेले व अन्य तप का उग्र पुरुषार्थ कर चारित्र मोहनीय कर्म पर विजय प्राप्त की, अंतराय कर्म को तोड़कर दीक्षा अंगीकार कर साधु बने उसके पश्चात कभी पीछे मुड़कर नही देखा अप्रमत्त साधना कर उग्र संयम पुरुषार्थ करते हुए अन्य को अप्रमत्त रहने की प्रेरणा देते है। 

आगमो का गहन अध्ययन के साथ कंठस्थ कर निरन्तर अर्थ की अनुप्रेक्षा करते रहते है। बार बार अनुप्रेक्षा करने से गाढे कर्म क्षय होकर सुसंस्कार दृढ़ बनते है। पूज्य प्रवर्तक श्री के जन्म दिवस के उपलक्ष में 12 घण्टे नवकार महामन्त्र के जाप का आयोजन किया गया। इस अवसर पर श्रद्धालुओ ने बड़ी संख्या में पोरसी तप व तीन तीन सामायिक कर गुरुदेव के प्रति श्रद्धा व्यक्त की। श्रीसंघ अध्यक्ष जितेंद्र घोड़ावत ने सकल संघ कि ओर से गुरुदेव के अनन्य उपकारों के प्रति आभार प्रकट किया गया। सभा का संचालन सचिव प्रदीप गादिया द्वारा करते हुए प्रवर्तकश्री के दीर्घायु, स्वस्थ,मंगलमय जीवन की कामना की।

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