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पीने के पानी के लिए , नही व्यवस्था No arrangement for drinking water Dabang Desh

 पीने के पानी के लिए , नही व्यवस्था


अधिकारी मस्त , जनता त्रस्त,दिया तले  अंधेरा 


जी एस परिहार 

गजेंद्र माहेश्वरी 

नीमच :- नीमच जिला कलेक्टर कार्यलय में पीने की पानी की व्यवस्था नही होने से कर्मचारियों व आम जनता को काफी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है कलेक्टर कार्यलय में एक कूलर लगा रखा है वह भी खराब पड़ा है उसमें भी बिना बिना फ़िल्टर के खुले कुवे से सीधा पानी आता है जो बदबूदार होकर कोई नही पिता है अगर कोई पी भी ले तो प्यास बुझा कर नही बीमारी लेकर जाता है कलेक्टर कार्यलय में पीने की पानी की व्यवस्था ही नही है तो यह कहावत सही है कि दिया तले अंधेरा 


     प्याऊ थी वह भी बंद


जानकारी के अनुसार कलेक्टर कार्यलय में हनुमान मंदिर के बाहर एक  संघ ने पीने के पानी के लिए प्याऊ खोली जिसमे आपस मे चंदा इकठ्ठा करके एक कर्मचारी को भी रखा और प्याऊ का संचालन भी पिछले वर्ष किया पर वह बंद होगई कारण चंदा बारबार कोन देवे वही कलेक्टर कार्यलय में एक  पीने के पानी के लिए टंकी भी बनाई पर जबसे वह बनी आजतक उसकी सफाई नही हुवी व खुले कुवे से बिना फ़िल्टर का पानी आने से कोई पिता भी नही वही कलेक्टर कार्यालय के अंदर एक कूलर भी लगा रखा है जो खराब व बिना फिल्टर के पानी आने के कारण कोई नही पिता 


    महिला कर्मचारी परेशान


जानकारी के अनुसार नीमच कलेक्टर कार्यलय में कई महिला कर्मचारी भी है उनके सामने सबसे बड़ी समस्या पीने के पानी की है मजबूरी में घर से एक बोतल पानी लाती है वह भी दिनभर नही चलता अगर पानी खत्म भी होजावे तो पानी कहा पिये महिला कर्मचारी होटल पर तो बारबार जा नही सकती मजबूरी में पानी भी काम करते समय घुट घुट पीना पड़ता है पानी की कमी से कई बीमारियां भी होने की संभावना रहती हैं पर उनकी भी मजबूरी है ओर महिला कर्मचारी किसी से पानी भी नही मांगती एक दिन नही रोज चाहिए पानी 


        मंगाते टंकी पईसा  कहा से 


जानकारी के अनुसार कलेक्टर कार्यलय में कई विभाग में पीने के पानी की टंकियां आती है कई विभाग में तो पानी की टंकी को छुपा कर भी रखते हैं कारण हर कोई पानी नही पिये अधिकारी घंटी बजाते हैं और पानी मांगते हैं पर यह तो रोज का काम है कर्मचारी भी पीने का पानी मोल टंकी खरीद कर अधिकारियों को पिलाते है आखिर इन टंकियों का पईसा कहा से देते होंगे जेब से रोज रोज तो दे नही सकते कुछ इधर उधर से तो करते ही होंगे कुछ कर्मचारी पानी पीने होटल पर जाते हैं जिससे काम भी नही होता पर पानी पीना जरूरी टंकियों का पानी तो वही पीते हैं जो पईसा देता है जो नही दे उसके लिए पानी नही 

 

          कलेक्टर करे व्यवस्था बंद करे टंकियों


जानकारी के अनुसार जिले में पीने के पानी की व्यवस्था की जवाबदारी जिला कलेक्टर की होती है पर विडम्बना है कि जिला कलेक्टर कार्यलय में ही पीने के पानी की व्यवस्था नही है जब कर्मचारियों को ही  पीने का पानी नही मिल ता तो आम जनता कितनी परेशान होती होगी कलेक्टर कार्यलय में कितने विभाग है जहां कई बुजर्ग  महिला व पुरूष आते हैं उनको भी पानी चाहिए पर व्यवस्था नही होने के कारण प्यासा रहना पड़ता है जिला कलेक्टर को चाहिए कि कलेक्टर कार्यलय में एक बड़ा पीने के पानी का कूलर लगवाया जावे जहा आम जनता व अधिकारी पानी पी सके

ओर  ओर बाहर से पीने की टंकियां बंद होनी चाहिए जिससे कर्मचारियों को पीने के पानी की टंकियों के पईसा इधर उधर से नही करना पड़े और आम जनता व कर्मचारी को पीने के पानी के लिए परेशान नही होना पड़े कलेक्टर कार्यलय में आजतक किसी भी अधिकारी ने पहल नही की पीने के पानी की व्यवस्था पर अब कलेक्टर को ध्यान देकर पीने के  पानी की व्यवस्था करनी चाहिए 


  जानकारी के अनुसार एक पुरानी  कहावत है कि दिया तले अंधेरा यह कहावत सही साबित हो रही है जब पूरे  जिले में पीने के पानी की व्यवस्था की जवाब दारी कलेक्टर की होती है पर कलेक्टर कार्यलय में ही पीने के पानी की व्यवस्था नही हो तो कहावत सही है दिया तले अंधेरा

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