" नगर पालिका अतिक्रमण हटाने में अपने पावर का उपयोग क्यो नही........... क्या है...…………?
गजेन्द्र माहेश्वरी
मन्दसौर :- नगर पालिका के कर्मचारी भी रसूख के चलते दबाव में काम कर रहे हैं यह समझ से परे है। जब यहां व्यापारी द्वारा अस्थाई अतिक्रमण किया गया था तब मुख्य मार्ग से अंदर एक टुकड़े में अपना सामान रखकर रसूखदार व्यापारी ने अपना धंधा शुरू किया था। लेकिन धीरे-धीरे उक्त रसूखदार व्यापारी ने पूरी खाली पड़ी भूमि पर अपना सामान रखकर व्यापार कर रहा है। इतना ही नहीं डिवाइडर के दूसरी तरफ भी जब नपा अमला सामान हटाने पहुंचा तो वहां भी उसने अपना सामान रखकर जगह घेर रखी थी और नगर पालिका इस व्यापारी के अस्थाई अतिक्रमण की जो कि करोडो कि जमीन है उस पर सिर्फ 30 रुपये की रसीद काटकर उसको पूरी जगह पर व्यापार करने की परमिशन दे रखी है। वहीं जब बात करें शहर के गांधी चोराहे,नई आबादी, गुरुद्वारा रोड, 500 क्वार्टर रोड कि जहां कुछ माह पूर्व नोटिस चस्पा करने के बाद भी नगर पालिका आज तक किसी भी रसूखदार के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पाई। किया तो सिर्फ इतना कि नगरपालिका के अगले को 2 से 3 घंटे तक वाहनों में और जेसीबी में बिठाकर रखा और और वापस उनको उतार दिया।
ठीक नगरपालिका के सामने एक व्यापारी द्वारा बिल्डिंग तान दी गई जबकि कई बार नपती हुई और नोटिस की नौटंकी हुई लेकिन अब तक उस पर भी नगर पालिका कोई कार्रवाई नहीं कर पाई ,उल्टा बिल्डिंग सीना ताने नगर पालिका को मुंह चढ़ा रही है।अब यह सब देख कर तो लगता है कि नगर पालिका रसूख के दबाव में चल रही है। चलो पहले तो नगर पालिका में राजनीतिक पार्टी का अध्यक्ष था तो हो सकता है कि किसी का दबाव में काम नहीं किया हो लेकिन अब तो नगर पालिका में प्रशासक के रूप में कलेक्टर श्री मनोज पुष्प बैठे हैं तो फिर क्यों इन रसूखदारो पर कार्यवाही नहीं हो पा रही है।
जबकि प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह जी चौहान भी भूमाफियाओ ,अतिक्रमणकर्ताओ अवैध निर्माण करने वालो के ऊपर कार्यवाही करने के स्पष्ट आदेश दे चुके हैं और अन्य जगहों पर कार्यवाही हो रही है तो नगर पालिका ओर जिला प्रशासन पीछे क्यो हट रहा है फिर यह सवाल जनता नगर पालिका से और नगर पालिका प्रशासक से जो कि जिले के मुखिया कलेक्टर है पूछ रही है क्या जनता को उनके प्रश्न का जवाब मिलेगा या फिर वही नोटिस की नौटंकी और कार्यवाही के नाम पर ढाक के तीन पात ...........
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