दशलक्षण पर्व पर हुई उत्तम अकिंचन्य धर्म की पूजा Worship of the best Akinchanya religion was done on the Dashalakshana festival

दशलक्षण पर्व पर हुई उत्तम अकिंचन्य धर्म की पूजा Worship of the best Akinchanya religion was done on the Dashalakshana festival

दशलक्षण पर्व पर हुई उत्तम अकिंचन्य धर्म की पूजा Worship of the best Akinchanya religion was done on the Dashalakshana festival

बनेठा:/टोंक जिले के उनियारा उपखंड के बनेठा कस्बें में स्थित महावीर दिगंबर जैन मंदिर में पर्यूषण पर्व के दौरान में उत्तम आकिंचन्य धर्म की पूजा अर्चना की गई। समाज के हरीश जैन पाण्डया ने बताया कि प्रातःकाल की शुभ बेला में भगवान को पाण्डुक शिला पर विराजमान कर केसरिया वस्त्रधारी श्रद्धालुओं ने भगवान का क्षीर सागर के जल से अभिषेक किया।


 तत्पश्यात मूलनायक महावीर स्वामी का जलाभिषेक एवं शांतिधारा की। मूलनायक महावीर स्वामी पर शांतिधारा करने का सौभाग्य मोहनलाल,प्रवीण कुमार,हरीश कुमार पाण्डया परिवार को मिला। वही पाण्डुक शिला पर विराजित श्रीजी पर वृहत शांतिधारा करने का सौभाग्य रमेशचन्द,राजेश जैन कंसल को मिला। नेमीनाथ बड़ा मंदिर में मूलनायक पर शांतिधारा करने का सौभाग्य धर्मचंद,ज्ञानचंद मेंहदीवाल को एवं नरेन्द्र कुमार,अनुपम कुमार को पाण्डुक शिला पर शांतिधारा का सौभाग्य मिला।आरती के बाद शास्त्र सभा में हेमचंद सौगाणी ने उत्तम आकिंचन्य धर्म की चर्चा की। उन्होंने अंतरंग और बाहरी परिग्रह के त्याग से इसका संबंध बताया। रात को सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस मौके पर कई जैन श्रद्धालुगण उपस्थित रहे।

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