विश्व पुस्तक मेले में ओमप्रकाश क्षत्रिय 'प्रकाश' का वक्तव्य: सोशल मीडिया का युवाओं पर प्रभाव
नई दिल्ली, 9 फरवरी, 2025 – विश्व पुस्तक मेला के प्रगति मैदान हॉल नंबर 2B के लेखक मंच पर आयोजित एक परिचर्चा में हिंदी साहित्यकार ओमप्रकाश क्षत्रिय 'प्रकाश' ने सोशल मीडिया के प्रभाव पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया आज के युवाओं के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है, जो उन्हें ज्ञान, नेटवर्किंग, और करियर के नए अवसर प्रदान करता है। साथ ही, यह सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने और अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने का एक मंच भी है।
हालांकि, उन्होंने सोशल मीडिया के अत्यधिक उपयोग के नकारात्मक प्रभावों पर भी प्रकाश डाला। इनमें समय की बर्बादी, पढ़ाई और करियर पर नकारात्मक प्रभाव, गलत सूचना का प्रसार, मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ (तनाव, अवसाद, आत्म-सम्मान की कमी), और सामाजिक अलगाव शामिल हैं। साथ ही, FOMO (Fear of Missing Out), साइबरबुलिंग, बनावटी जीवनशैली का दबाव, ध्यान भटकने की समस्या, और नींद की कमी जैसी चुनौतियाँ भी सामने आती हैं।
ओमप्रकाश क्षत्रिय 'प्रकाश' ने युवाओं को सोशल मीडिया का सीमित और जागरूक उपयोग करने की सलाह दी। उन्होंने जोर देकर कहा कि साइबर सुरक्षा के प्रति सतर्क रहना आवश्यक है ताकि युवा अपनी निजी जानकारी सुरक्षित रख सकें और सोशल मीडिया के लाभों का सही ढंग से उपयोग कर सकें।
इस प्रकार, ओमप्रकाश क्षत्रिय 'प्रकाश' ने युवाओं को सोशल मीडिया के सही और संतुलित उपयोग की ओर प्रेरित किया, ताकि वे इसके लाभों का अधिकतम उपयोग कर सकें और हानियों से बच सकें।
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