संगीत सरगम की जाजम गीतों से महकी।
संगीत सरगम ने सतीश केसवानी के म्यूजिकल अफेयर्स स्टूडियो में गणतंत्र दिवस पर पुराने सदाबहार गीत और देशभक्ति गीतों की महफ़िल सजाई।
ए मेरे प्यारे वतन ए मेरे बिछड़े चमन,जिंदगी की न टूटे लड़ी,इक प्यार का नगमा हैं, दो नयन डरे डरे,तुम्हारा प्यार चाहिए,हैं दुनिया उसी की जमाना उसी का,चंदन सा बदन,पिया बावरी,पिया तोसे नैना लागे रे,मेरे नैना सावन भादौ,याद किया दिल ने कहा हो तुम,तेरे बिन सावन कैसे बिता,क्यू जिंदगी की राह में,ए मेरे वतन के लोगो जरा आँख में भर लो पानी जैसे अनेक गीतों से महफ़िल जमी।
रमेश गुरु,सतीश केसवानी, करिश्मा तोंडे,मोइन खान,वेदही पाराशर, सज्जाद खोकर, शोभना फड़के,रोहित ओझा,अकरम खान ने महफ़िल में बारी बारी से गीतों को सुनाया।
श्रीधर कामत ने कई गीतों पे किस्से सुनाए।
अनिल बारगल,विवेक तांबे,आशिक हुसैन देवास वाला,मोहन शर्मा,आलोक वाजपेयी,मिलिंद गुप्ते,ब्रजेश पाराशर सहित अनेक संगीत रसिक महफ़िल में मौजूद थे।
अंत मे राष्ट्रगीत से महफ़िल का समापन हुआ।
डॉ विवेक गावड़े ने आभार माना।
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