शहर हुआ पानी पानी, नगर निगम की नाला सफाई की खुली पोल,शहर के कई इलाकों में बिगड़े हालात। The city was flooded with water, the drain cleaning of Municipal Corporation exposed, situation worsened in many areas of the city.

शहर हुआ पानी पानी, नगर निगम की नाला सफाई की खुली पोल,शहर के कई इलाकों में बिगड़े हालात

जनप्रतिनिधियों ने नहीं दिखाई जागरूकता



 उज्जैन गुरुवार शाम को सीजन की पहली जोरदार बरसात से शहर पानी पानी हो गया। कई इलाकों में जल-जमाव हो गया।देर शाम शहर के अधिकांश हिस्सों में जमकर बरसात हुई। पहली ही बारिश में शहर के अधिकांश नाले उफन गये और जल भराव की स्थिति उत्पन्न हो गई।इस स्थिति में लोगों को आवागमन करना भारी पड़ा। इधर, आगर रोड़ उद्योगपुरी में नाला जाम होने की वजह से तेज बारिश के साथ कारखानों में पानी भरना शुरू हुआ और देखते ही देखते करीब 12 कारखानों में दो फीट तक पानी भर गया। यहां वैभव प्रोसेस के नाम से कैलेंडर का कारखाना संचालित करने वाले संजय जैन ने बताया कि प्रिंटिंग के लिये उनके कारखाने में रखी कॉटन के कपड़ों की गठानें पानी में तैरने लगीं। जलभराव से लाखों रुपयों का नुकसान हुआ है, क्योंकि पानी में गीले हो चुके कपड़े पुन: काम में नहीं लाए जा सकते। आसपास के दूसरे कारखानों में भी तेज बारिश के कारण नाले का पानी घुस गया था, जिनमें भारी नुकसान हुआ है। 

कारखाना संचालकों ने क्षेत्रीय पार्षद रवि राय को फोन पर इसकी सूचना दी जिसके बाद वह जेसीबी लेकर यहां पहुंचे थे। ऐसी स्थिति शहर में कई जगह पैदा हुई।कलेक्टर के निरीक्षण और निर्देश के बाद भी नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की नींद नहीं खुली जिसका परिणाम इस भयानक रूप में सामने आया। स्वास्थ्य विभाग के अमले ने शहर के चुनिंदा नालों की सफाई भी करवाई थी लेकिन अनेक वीआईपी क्षेत्रों को छोड़ दिया गया। ऐसा करने के पीछे नगरनिगम की क्या मंशा रही ये तो वो ही जाने पर कलेक्टर के आदेशों का पालन नहीं होना नगर निगम के कर्मचारियों और अधिकारियों पर प्रश्न चिन्ह खड़े करता है।

अफसरों की ओर से मॉनसून की पुख्ता तैयारी के दावे किए जाते रहे हैं, लेकिन दावों की हकीकत पहली बरसात में ही सामने आ गई। सड़कों पर झील जैसा नजारा देखने को मिल रहा है।जनप्रतिनिधियों द्वारा भी सफाई व्यवस्था का जायजा लिया गया, लेकिन शायद जनप्रतिनिधियों ने भी अपने कार्यों के प्रति सजगता दिखाने की कोशिश नहीं की। यदि सही ढंग से जनप्रतिनिधियों द्वारा पूरी सफाई व्यवस्था को चेक किया गया होता तो आज यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती और सभी नालों की सफाई व्यवस्थित होती।नगरनिगम को समय रहते जल भराव की जगहों पर पानी निकासी की व्यवस्था करना चाहिए ओर इसके साथ ही नगर निगम को चाहिए कि पुराने रिकॉर्ड कंगाल कर चिन्हित करें,फिर उन इलाकों में पानी निकासी की व्यवस्था करें।

Post a Comment

0 Comments