बदनावर की आस्था के मुख्य केंद्र बिंदु बाबा बैजनाथ महादेव मंदिर पर लगाई गई जलाधारी Jaladhari installed on Baba Baijnath Mahadev Temple, the main center of faith of Badnawar

 बदनावर की आस्था के मुख्य केंद्र बिंदु बाबा बैजनाथ महादेव मंदिर पर लगाई गई जलाधारी

दिल खोलकर भक्तों ने दिया दान

राकेश सिंह | दबंग देश

बदनावर के सबसे प्राचीन शिव मंदिर बाब श्री बैजनाथ महादेव मंदिर पर चाँदी की जलधारी शिवलिंग पर चढ़ाई गई। शिवलिंग पर वर्तमान में पीतल की जलधारी आज से लगभग ३८ वर्ष पहले राजपूत समाज की महिला ने चढाई थी। 

पर अब जलधारी शीर्ण हो चुकी थी और इसे बदलना जरुरी हो गया था।  नगर के भक्तगण की इच्छा थी की इस बार जलधारी चाँदी की ही लगाएंगे।  इस हेतु पिछले दो माह से जनता द्वारा नगद एवं चाँदी दान हेतु मुहीम चलाई गई जिसमे नगर के साथ शहर के भक्तो ने भी दिल खोल कर दान दिया।

बदनावर की आस्था के मुख्य केंद्र बिंदु बाबा बैजनाथ महादेव मंदिर पर लगाई गई जलाधारी   Jaladhari installed on Baba Baijnath Mahadev Temple, the main center of faith of Badnawar

 उक्त जलाधारी ३० किलो के लगभग चाँदी से बानी है जिसे इनडोर के दीपने शर्मा द्वारा बनाया गया है। साथ ही मंदिर के गर्भगृह में भी मकराना का शुद्ध सफ़ेद मार्बल भी लगाया गया है। मंदिर में दो  मुख्य द्वार भी दानदाताओ द्वारा लगाए गए है। उक्त सभी कार्य पूर्ण होने से मंदिर बहुत खुबसूरत लगने लगा है। आने वाली शिवरात्रि हेतु मंदिर की सजावट शुरू हो गई है। 

         बदनावर की जनता का सबसे बड़ी आस्था का केन्द श्री बैजनाथ महादेव मंदिर लगभग ग्यारह सो साल पुराना है। उड़िया शैली में बना होने से इसे उड़निया मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। कई लोगो को मानना है है की प्राचीन समय में एक यति इस मंदिर को उड़ा कर कही जा रहे थे रात्रि होने के कारण विश्राम हेतु इस जगह उत्तर गए थे तभी से यह मंदिर यहाँ है और इसलिए इसे उड़निया मंदिर कहते है।

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