आजीविका मिशन बासौदा में किये गये भ्रष्टाचार को लेकर डीपीएम की भूमिका संदेहास्पद
आजीविका मिशन बासौदा के प्रबंधन द्वारा किये गये भ्रष्टाचार से संबंधित प्रकाशित खबरों को क्यों नहीं ले रहे संज्ञान में डीपीएम
बरिष्ठ अधिकारीयों को गुमराह क्यों कर रहे डीपीएम
रवि चौरसिया दबंग देश
गंज बासौदा/ जनपद पंचायत में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के समक्ष सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत आवेदन प्रस्तुत कर आजीविका मिशन से जानकारी चाही गई थी,जिस के संबंध में जनपद पंचायत बासौदा द्वारा दिनांक 10/05/2023 को पत्र क्रमांक 1763 सूचना का अधिकार 2023 को पत्र जारी कर प्रबंधक राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बासौदा को लिखा गया था, कि सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत चाही गई जानकारी आप के कार्यालय से संबंधित है। आवेदक द्वारा जो जानकारी चाही गई है, जिसे नियमानुसार निर्धारित शुल्क प्राप्त कर समय सीमा में प्रदान करें। अगर जानकारी प्रदान करने में विलंब होता है,
तो जुर्माना की राशि आपके वेतन से काटी जायेगी जिसके लिऐ आप स्वयं जिम्मेदार होंगे,संबंधित आवेदक को जानकारी प्रदाय कर मुझे अवगत करायें। लेकिन इस के बाद भी आजीविका मिशन प्रबंधक के द्वारा जनपद पंचायत द्वारा जारी किये गये उक्त पत्र को गंभीरता पूर्वक नहीं लिया गया। और सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत 30 दिन की निर्धारित समय सीमा व्यतीत होने के बाद चाही गई जानकारी उपलब्ध कराना तो बहुत दूर की बात किसी तरह पत्राचार करना भी मुनासिब नहीं समझा क्योंकि इन्हें अपने संरक्षक डीपीएम का सरंक्षण प्राप्त होने की वजह से इनके हौसले बुलंद हैं।
और आजीविका मिशन प्रबंधन द्वारा गणवेश वितरण में किये गये भ्रष्टाचार के संबंध में अपने बरिष्ठ अधिकारीयों को गुमराह पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई जाती है, ग्राम पंचायत सतपाडा कला के लवकुश स्व सहायता समूह में हुऐ भ्रष्टाचार में शामिल दोषियों को डीपीएम सहित जिला आजीविका मिशन में बैठे हुऐ भ्रष्टों द्वारा मनगढत जांच की गई थी। जबकि आजीविका मिशन प्रबंधन की जांच बेहद महत्वपूर्ण और जरुरी है,जिसको डीपीएम क्यों गंभीरता पूर्वक नहीं ले रहे हैं, जबकि आजीविका मिशन प्रबंधन द्वारा किये गये भ्रष्टाचार से संबंधित अनेकों बार समाचार पत्रों में खबरें भी प्रकाशित हो चुकी है। इस के बाद भी
डीपीएम द्वारा किसी भी खबर को गंभीरता पूर्वक नहीं लिया गया,और नाही अली स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा गणवेश सिलाई की मजदूरी का भुगतान क्यों नहीं किया जा रहा।
ऐसे अनेकों गंभीर सवाल है,जिनके जिला आजीविका मिशन और आजीविका मिशन प्रबंधन बासौदा के पास मनगढ़ंत जवाब के अलावा और कुछ नहीं है,आजीविका मिशन के पास सिवाय कुप्रबंधन के अलावा यदि आजीविका मिशन प्रबंधन बासौदा और डीपीएम इतने ही ईमानदार है तो सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत चाही गई, जानकारी क्यों उपलब्ध नहीं करा देते क्यों समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों को डीपीएम द्वारा क्यों संज्ञान में नहीं लिया रहा क्या वजह हैं इसकी, सी एम हेल्पलाईन पर क्यों मनगढ़ंत निराकरण डलवाया जा रहा है, चारों सी एल एफ की क्यों निष्पक्ष जांच क्यों नहीं करा देते।
इनका कहना है
आजीविका मिशन प्रबंधक से चाही गई जानकारी उपलब्ध कराना हेतु कहा गया और सूचना का अधिकार की प्रथम अपील प्राप्त हो उस पर कार्रवाई की जायेगी। ताकि आवेदनकर्ता को चाही गई जानकारी उपलब्ध हो सके।
अरविंद शर्मा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत गंज बासौदा
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