धर्मांतरण करना सही नही ह्रदय में बसाओं श्रीराम - कौशिकजी महाराजIt is not right to convert, Shriram should reside in the heart - Kaushikji Maharaj

 धर्मांतरण करना सही नही ह्रदय में बसाओं श्रीराम - कौशिकजी महाराज

श्रीमद्देवी भागवत कथा में  बह रही है धर्म की गंगा - 31 को है पूर्णाहुति

थादला। पुण्य भूमि थांदला पर गुप्त नवरात्रि के पावन दिनों में वृंदावन से पधारें प्रसिद्ध कथावाचक परम पूज्य पुराण मनीषी आचार्य कौशिक जी महाराज के मुखारविंद से धर्म की गंगा बहाई जा रही है। उपस्थित परिषद को धर्म गंगा में डुबकी लगाते हुए कौशिक जी महाराज ने कहा कि आजकल लाचार व मजबूर लोगों को प्रलोभनों देकर धर्मांतरण करवाया जा रहा है जो गलत है इसके बजाय तो अपने धर्म पर आस्था को मजबूत बनाओ व मन में प्रभु श्रीराम को बसाओं फिर देखों संकट मोचन हनुमानजी महाराज सबके कष्ट हर लेंगे। सत्य को सबसे बड़ा धर्म बताते हुए उन्होनें कहा कि हिन्दू धर्म में हमने कभी किसी भी धर्म का अपमान नही किया है और न ही कभी किसी को धर्म परिवर्तन करने के लिए बाध्य किया है अपितु हमने तो अपने धर्म की बात व उसके आदर्शों को प्रस्तुत किया है व यही प्रेरणा दी है कि किसी की लाइन मिटाओ मत अपनी लाइन को बड़ा बनाओ यही धर्म है।

थादला। पुण्य भूमि थांदला पर गुप्त नवरात्रि के पावन दिनों में वृंदावन से पधारें प्रसिद्ध कथावाचक परम पूज्य पुराण मनीषी आचार्य कौशिक जी महाराज के मुखारविंद से धर्म की गंगा बहाई जा रही है। उपस्थित परिषद को धर्म गंगा में डुबकी लगाते हुए कौशिक जी महाराज ने कहा कि आजकल लाचार व मजबूर लोगों को प्रलोभनों देकर धर्मांतरण करवाया जा रहा है जो गलत है इसके बजाय तो अपने धर्म पर आस्था को मजबूत बनाओ व मन में प्रभु श्रीराम को बसाओं फिर देखों संकट मोचन हनुमानजी महाराज सबके कष्ट हर लेंगे। सत्य को सबसे बड़ा धर्म बताते हुए उन्होनें कहा कि हिन्दू धर्म में हमने कभी किसी भी धर्म का अपमान नही किया है और न ही कभी किसी को धर्म परिवर्तन करने के लिए बाध्य किया है अपितु हमने तो अपने धर्म की बात व उसके आदर्शों को प्रस्तुत किया है व यही प्रेरणा दी है कि किसी की लाइन मिटाओ मत अपनी लाइन को बड़ा बनाओ यही धर्म है।

रामायण, महाभारत और रामचरित मानस हमारी जिंदगी को प्रेरणा देते है

वर्तमान में चल रहे रामचरित मानस विवाद को लेकर व्यास गादी से कहा कि हिन्दू धर्म किसी को नीचा दिखाने का काम नही करता वह तो धर्म व सत्य का पक्षधर होता है। वे लोग मूर्ख है जो पवित्र ग्रंथों के भाव को समझे बिना ही उस पर टिप्पणी करने लग जाते है। गौस्वामी तुलसीदास ने तो रामचरित मानस की रचना कर सभी को मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम के दिव्य जीवन से परिचय करवाते हुए स्वामी और सेवक की भक्ति का परिचय दिया है। यह धर्म ग्रंथ सकल नारी जाती के सम्मान का पक्षधर है व सेवक की सेवा की पराकाष्ठा के दर्शन करवाता है न कि किसी जाति के विषय में टिप्पणी करता है। उन्होनें कहा कि राम चरित मानस जीवन को प्रेरणा देता है जिसने भी अपने जीवन में इस ग्रंथ को नही पड़ा उसका तो जीवन ही व्यर्थ है। उन्होनें गौस्वामी की विद्वता का वर्णन कर भगवान से विधर्मियों को सदबुद्धि देने की प्रार्थना की।यजमानों व दानदाताओं का सम्मान

 श्री विश्व जागरण मानव सेवा संघ चैरिटिबलेट ट्रस्ट व गौतीर्थ तुलसी तपोवन गौशाला, वृन्दावन द्वारा श्री कामधेनु कैंसर हॉस्पीटल के सहायतार्थ डूंगर मालवा में पहली बार चल रही श्रीमद्देवी भागवत कथा में जन मानस तन मन धन से सहयोगी बन रहे है। मीडिया प्रभारी पवन नाहर ने बताया कि पेंशनर संघ कि ओर से जगमोहनसिंह राठौर ने अपने संघ कि ओर से दानराशि अर्पण करते हुए कौशिकजी महाराज का शाल पुष्प माला आदि से स्वागत सम्मान कर आशीर्वाद लिया। वही बाबूलाल आर्य, दिनेश पंचाल व अन्य यजमानों, सहयोगियों व दानदाताओं को गुरुदेव ने  धर्म शाल ओढ़ाते हुए रुद्राक्ष देकर सम्मानित किया।

नन्ही बालिका नव्या उपाध्याय का माताजी अवतार रहा आकर्षण का केंद्र

रोजाना बालक बालिकाओं द्वारा प्रसंग अनुसार परिवेश धारण किये जा रहे है उसी तारतम्य में आज माताजी के रूप में नव्या रोशनी आशीष उपाध्याय की बालिका ने माताजी का अवतार लिया जिसे सबने खूब सराहा व सेल्फी ली। महा आरती कर महिला मंडल ने बांटी प्रसादी

नवरात्रि में आज अष्टमी तिथि होने से महिला मंडल के आहवान पर सभी महिला भक्त घर से आरती की थाल सजाकर लाई व भागवतजी की महा आरती उतारी। उल्लेखनीय है की थांदला के विभिन्न महिला मंडल में देवी की कथा को लेकर अलग ही माहौल बना हुआ है। नित्य एक जैसी ड्रेस कोड में सभी महिलायें कथा में अपना पूर्ण योगदान दे रही है। वही आचार्य श्री ने भी नगर की धार्मिक जनता से कथा में शामिल होकर पुण्यार्जन करने व इसके मानव सेवा के लिए समर्पित कैंसर हॉस्पिटल, गौ महल व भोजन शाला के उत्तम उद्देश्य में सहयोगी बनने की भी अपील की है। आपको बता दे आगामी 31 जनवरी 2023 को इसकी पूर्णाहुति होगी।

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