नवपद ओली रसनेंद्रियों पर विजय प्राप्त करने का एक मात्र रास्ता
--हर्ष प्रिया श्री जीबड़ावदा(शिरीष सकलेचा)
आयम्बिल अमंगल को टालने के सर्वोत्तम उपाय है। यह मनोकामनाओ की पूर्ति आधार है। आयम्बिल मनोवृति पर नियंत्रण की प्रक्रिया है । इस तप में पेट को किराया मिलता है लेकिन जीभ को कमीशन नही मिलता। नवपद की इस ओली को भी श्री शत्रुंजय गिरिराज तीर्थ की तरह शाश्वत माना गया है। नवपद की ओली करने से सभी कष्ट दूर होते है। यह आराधना रसनेंद्रियों पर विजय पाने एक मात्र रास्ता है।
उक्त बातें साध्वी *हर्ष* *प्रिया श्री* जी म सा ने यहाँ जयशेखर धाम दादावाड़ी पर शनिवार को नवपद ओली जी आराधना के प्रथम दिवस पर मौजूद धर्मालुजनों से कहीं।
अर्हम प्रिया जी ने कहा कि हमे अपनी बुद्धि का उपयोग सही तरीके से करना चाहिए। श्रीपाल राजा व मेंना सुंदरी की कथा का वर्णन भी किया गया। प्रभावना शांतिलाल चत्तर व रणछोड़ मालवीय ने वितरित की।
चातुर्मास समिति सचिव शिरीष सकलेचा ने बताया कि मुक्ति प्रिया श्रीजी आदि की प्रेरणा से यहां शनिवार से सामूहिक नवपद ओली जी की आराधना प्रारंभ हुई प्रथम दिवस 46जैन अजैन श्रावक श्राविकाओं ने आयम्बिल कर ओली जी करने की भावना प्रकट की। हर्ष प्रिया श्री जी ने सभी आराधको को प्रेरणा देते हुए कहा कि सभी मजबूत संकल्प रखते हुए इस शाश्वत ओली जी को पूरा करने का संकल्प मन में धारण करें तो निश्चित ही यह आराधना पूर्ण होगी।
0 Comments