नौ दिन की आराधना के बाद माता को दी विदाई,कन्या भोज, भंडारा और हवन पूजन के आयोजन भी हुएAfter nine days of worship, farewell to the mother, Kanya Bhoj, Bhandara and Havan worship were also organized.

 नौ दिन की आराधना के बाद माता को दी विदाई,कन्या भोज, भंडारा और हवन पूजन के आयोजन भी हुए

पाटी से दिपक मालवीया :-  माता दुर्गा के आराधना का पर्व नवरात्रि का देवी प्रतिमाओं के विसर्जन के साथ ही समापन हो गया है। बुधवार को दिनभर नगर में विभिन्न मंडलों के पांडालों में विराजित माता प्रतिमाओं को गोई नदी में विसर्जित किया गया। इसके पूर्व नवरात्रि के अंतिम दिन जहां देवी मंदिरों में दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी वहीं कई स्थानों पर कन्या भोज और हवन पूजन के आयोजन हुए। खास तौर पर बुदि में कातर माता में नवरात्र के अंतिम दिन भक्तों का तांता लगा रहा। श्रद्धालुओं ने मां के दर्शन के साथ ही पूजा अर्चना की।

पाटी से दिपक मालवीया :-  माता दुर्गा के आराधना का पर्व नवरात्रि का देवी प्रतिमाओं के विसर्जन के साथ ही समापन हो गया है। बुधवार को दिनभर नगर में विभिन्न मंडलों के पांडालों में विराजित माता प्रतिमाओं को गोई नदी में विसर्जित किया गया। इसके पूर्व नवरात्रि के अंतिम दिन जहां देवी मंदिरों में दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी वहीं कई स्थानों पर कन्या भोज और हवन पूजन के आयोजन हुए। खास तौर पर बुदि में कातर माता में नवरात्र के अंतिम दिन भक्तों का तांता लगा रहा। श्रद्धालुओं ने मां के दर्शन के साथ ही पूजा अर्चना की।

इधर नवरात्रि के अंतिम रात को नगर भर में गरबों की धूम मची रही।

पाटी से दिपक मालवीया :-  माता दुर्गा के आराधना का पर्व नवरात्रि का देवी प्रतिमाओं के विसर्जन के साथ ही समापन हो गया है। बुधवार को दिनभर नगर में विभिन्न मंडलों के पांडालों में विराजित माता प्रतिमाओं को गोई नदी में विसर्जित किया गया। इसके पूर्व नवरात्रि के अंतिम दिन जहां देवी मंदिरों में दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी वहीं कई स्थानों पर कन्या भोज और हवन पूजन के आयोजन हुए। खास तौर पर बुदि में कातर माता में नवरात्र के अंतिम दिन भक्तों का तांता लगा रहा। श्रद्धालुओं ने मां के दर्शन के साथ ही पूजा अर्चना की।

 नगर के प्रमुख पांच स्थानों पर माँ महिषासुर गरबा मित्र मंडल ,जय बजरंग युवा मित्र मंडल,त्रिनेत्र गरबा मित्र मंडल,माँ चौसठ योगिनी गरबा मंडल,भवानी गरबा मित्र मंडल व साईं चौक गरबा मंडल सहित अन्य स्थानों पर जहां छोटी-छोटी बालिकाओं व महिलाओं द्वारा पारंपरिक गरबों की प्रस्तुतियां दी गई।

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