जहाँ प्रेम होगा वहाँ सम्प्पति होगी और जहाँ वैर होगा वहाँ विपत्ति होगी
हर्ष प्रिया श्री जी ने जाहिर प्रवचन में कहा
बड़ावदा। यदि आप अपने घर परिवार को स्वर्ग बनाना चाहते है तो प्रेम का सृजन करना होगा। परिवार को संघटित करने के लिए प्रेम जरूरी है। यदि परिवार संघटित होकर रहेगा तो वह हर मुश्किल का सामना कर सकता है। जहाँ प्रेम होगा वँहा संम्पति होगी और जहाँ वैर होगा वहाँ विपत्ति होगी।
उक्त प्रेरक बाते यहां रविवार को जय शेखर धाम दादावाड़ी पर साध्वी हर्ष प्रिया श्री जी म सा ने कही । वे रविवार को घर को स्वर्ग कैसे बनाये विषय पर मौजूद धर्मालुजनो के समक्ष बोल रही थी। साध्वी मुक्ति प्रिया श्री जी ने मंगलाचरण दिया।
साध्वी जिन प्रिया श्री जी ने कहा कि जिसका पुण्य कमजोर होता है वह हर जगह तिस्कार पाता है। आज हम पैसे से नाता जोड़ रहे है लेकिन परमात्मा से नही जबकि परमात्मा ही हमारी सुरक्षा करेगा। अतः परमात्मा की भक्ति ही मोक्ष की सेतु है।
हर्ष प्रिया जी ने कहा कि देश का पीएम बन देश चलाना आसान होता है लेकिन परिवार का मुखिया बन परिवार चलाना कठिन होता है।
परिवार के मुखिया को अपने ह्रदय को विशाल बनाना पड़ता है। यदि हम अपने घर को वास्तव में स्वर्ग बनाना चाहते हैं तो परिवार के हर सदस्य को अधिकारों की बजाए अपने कर्तव्यों पर ध्यान देना होगा। बड़ो को सम्मान देना जरूरी है। आपने कहा कि कान फूंकने वालों से हमेशा सावधान रहो क्योंकि ऐसे लोग स्वर्ग जैसे घर को एक पल में नर्क बना देते हैं । आपने श्राविकाओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि देवरानी- जेठानी सास -बहू सभी मिलजुलकर घर के काम करें तो घर कभी नहीं टूटता। परिवार से बढ़कर कोई दुनिया नहीं होती और नहीं परिवार से बड़ा कोई कल्पवृक्ष है अतः परिवार को स्वर्ग बनाने के लिए कैची नहीं सुई धागा बन कर रहे।
स्वागत गीत माही संघवी(रतलाम) व सलोनी सकलेचा ने प्रस्तुत किया। चातुर्मास समिति सचिव शिरीष सकलेचा ने बताया कि साध्वी श्री जिन प्रिया श्री जी का सांसारिक परिवार रतलाम से संघ के रूप में यहां आया। संघ प्रमुख प्रकाश संघवी का श्री संघ व चातुर्मास समिति द्वारा शाल ओढ़ाकर, माला पहनाकर व श्रीफल भेंट कर शांतिलाल चत्तर,पुखराजमल सकलेचा ,प्रकाश सकलेचा आदि ने बहुमान किया । प्रभावना प्रदीप भंडारी, प्रकाश संघवी, सुभाष संघवी( रतलाम) राधा किशन तोषनीवाल, कनक मल सकलेचा द्वारा वितरित की गई।

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