102 वर्ष की आयु में नवदीक्षिता सुलीनाजी मसा का संथारा सीझाAt the age of 102, Navdekshita Sulinaji Masa's santhara led

 102 वर्ष की आयु में नवदीक्षिता सुलीनाजी मसा का संथारा सीझा


5 दिन समाधि में रहने के बाद सुलीनजी महासती ने देहत्यागा


थांदला:- वैशाख सुदी दसमी  वर्तमान शासनाधिपति श्रमण भगवान महावीर स्वामी के केवलज्ञान कल्याणक के शुभ दिन नव दीक्षिता सुलीनजी मसा ने अपनी देह का त्याग कर दिया। आपने विगत 17 मई को जिन शासन गौरव पूज्य श्रीउमेशमुनिजी मसा "अणु" के सुशिष्य बुद्धपुत्र प्रवर्तक श्रीजीनेंद्रमुनिजी की सुशिष्या सरलमना निखिलशीलाजी मसा के पास जैन भगवती दीक्षा ग्रहण कर आजीवन चार आहार का त्याग करते हुए समाधि मरण की भावना व्यक्त कर उसे स्वीकार्य किया था। आज 5वें दिन दोपहर 12 बजकर 5 मिनट पर उनका संथारा सीझा। जैसे ही उनके समाधि पूर्वक देहत्यागने के समाचार सोशल मीडिया से वायरल हुई वैसे ही थांदला पौषध भवन स्थित जैन स्थानक पर उनके अंतिम दर्शन करने की लाइन लग गई। वर्तमान समय में सभी ने मास्क पहनकर पूज्या श्री सुलीनजी मसा के अंतिम दर्शन किये। उनकी अंतिम यात्रा नमोक्कर मंत्र व संथारा आराधिका के जयकारों के साथ नगर के मुख्य मार्ग से होती हुई स्वर्ग वाटिका पर पहुँची जहाँ उनके पुत्रों, बेटियों, बहुओं व जैन समाज के सदस्यों ने मुखाग्नि दी।

थांदला:- वैशाख सुदी दसमी  वर्तमान शासनाधिपति श्रमण भगवान महावीर स्वामी के केवलज्ञान कल्याणक के शुभ दिन नव दीक्षिता सुलीनजी मसा ने अपनी देह का त्याग कर दिया। आपने विगत 17 मई को जिन शासन गौरव पूज्य श्रीउमेशमुनिजी मसा "अणु" के सुशिष्य बुद्धपुत्र प्रवर्तक श्रीजीनेंद्रमुनिजी की सुशिष्या सरलमना निखिलशीलाजी मसा के पास जैन भगवती दीक्षा ग्रहण कर आजीवन चार आहार का त्याग करते हुए समाधि मरण की भावना व्यक्त कर उसे स्वीकार्य किया था। आज 5वें दिन दोपहर 12 बजकर 5 मिनट पर उनका संथारा सीझा। जैसे ही उनके समाधि पूर्वक देहत्यागने के समाचार सोशल मीडिया से वायरल हुई वैसे ही थांदला पौषध भवन स्थित जैन स्थानक पर उनके अंतिम दर्शन करने की लाइन लग गई। वर्तमान समय में सभी ने मास्क पहनकर पूज्या श्री सुलीनजी मसा के अंतिम दर्शन किये। उनकी अंतिम यात्रा नमोक्कर मंत्र व संथारा आराधिका के जयकारों के साथ नगर के मुख्य मार्ग से होती हुई स्वर्ग वाटिका पर पहुँची जहाँ उनके पुत्रों, बेटियों, बहुओं व जैन समाज के सदस्यों ने मुखाग्नि दी


 इस अवसर पर उनके लिए आयोजित गुणानुवाद सभा में श्रीसंघ अध्यक्ष जितेंद्र घोड़ावत, नवयुवक मंडल अध्यक्ष कपिल पिचा, धर्मदास गण परिषद के भरत भंसाली, पेटलावद संघ के नीरज मूणत, आईजा पूर्व प्रदेशाध्यक्ष पवन नाहर, स्वाध्यायी संघ के वीरेंद्र मेहता, अभा चन्दना श्राविका मण्डल से श्रीमती सुनीता गादिया, जैन सोशल ग्रुप के ललित कांकरिया, महावीर गादिया, तेरापंथ अध्यक्ष अरविंद रुनवाल, मन्दिर संघ अध्यक्ष कमलेश दायजी, भाजपा के समर्थ उपाध्याय, अटल समाजिक संस्था के राजू धानक ने उनके गुणगान करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। सुलीनजी मसा के सांसारिक पुत्र पारस छाजेड़ ने उनके संयम व संथारा ग्रहण करने की पूर्व भावना से सबका परिचय करवाते हुए विराजित सतियाजी व संघ के उपकारों पर उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया। सभा का संचालन श्रीसंघ के सचिव प्रदीप गादिया ने किया। इस अवसर पर संघ के वरिष्ठ गेंदालाल शाहजी, रमेशचन्द्र चौधरी, महेश व्होरा, प्रकाशचन्द्र घोड़ावत, मोहन लोढ़ा, नरेंद्र श्रीमाल, कनकमल घोड़ावत, लोकेश गादिया, माणक लोढ़ा, हेमंत श्रीमाल, प्रवीण पालरेचा, राकेश श्रीमाल, यतीन्द्र दायजी, राकेश तलेरा, महेश शाहजी, सुजानमल शाहजी, कमलेश छाजेड़ भी उपस्थित रहे।

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