दाह संस्कार के लिए श्मसान में जगह तो ठीक अब लकड़ियों की कमी पड़ेगीThere will be a shortage of wood for cremation at the cremation ground right now

  दाह संस्कार के लिए श्मसान में जगह तो ठीक अब लकड़ियों की कमी पड़ेगी

                 गजेन्द्र माहेश्वरी

नीमच :- भाई साहब,बहन जी ,दादा ओर दादियों आपका भरा पूरा परिवार है किसी के पापा मम्मी,तो किसी के दादा दादी हो और चुन्नू मुन्नू के नाना नानी ओर किसी के ताऊ ताई हो तो अपने परिवार के साथ मस्त रहो जियो हजारो साल खुशियां तुम्हारे क़दमो को चुए बारम्बार दुख संकट का साया कभी तूम ओर तुम्हारे परिवार पर नही पढ़े यह दुआ है मेरी पर आदरणीय यह दुआ तभी काम आएगी जब आप, आपका परिवार कोविड19 की गाईड लाईन का पालन करते हुए मुँह पर मास्क ओर शोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए दो गज दूरी बनाए रखेगा नही तो..... 

नीमच :- भाई साहब,बहन जी ,दादा ओर दादियों आपका भरा पूरा परिवार है किसी के पापा मम्मी,तो किसी के दादा दादी हो और चुन्नू मुन्नू के नाना नानी ओर किसी के ताऊ ताई हो तो अपने परिवार के साथ मस्त रहो जियो हजारो साल खुशियां तुम्हारे क़दमो को चुए बारम्बार दुख संकट का साया कभी तूम ओर तुम्हारे परिवार पर नही पढ़े यह दुआ है मेरी पर आदरणीय यह दुआ तभी काम आएगी जब आप, आपका परिवार कोविड19 की गाईड लाईन का पालन करते हुए मुँह पर मास्क ओर शोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए दो गज दूरी बनाए रखेगा नही तो.....

जरा सी लापरवाही के कारण अंतीम क्रियाकर्म से वंचित तो होंगे व जो सम्मान की आस लेकर अभी तक जिंदा हो वह भी नशीब नही होगा और पता नही कोनसी जगह कोनसे श्मशान घाट में लावारिस की तरह न जाने किसके हाथों अंतीम संस्कार होगा क्योंकि कोरोना की दूसरी लहर में

आप नेता हो या अधिकारी डॉक्टर हो या कर्मचारी या आम आदमी कोरोना किसी की भी रिश्तेदारी नहीं निभा रहा है। जो आ रहा है उसको अपना शिकार बनाता जा रहा है यह वह कृष्ण के जमाने का राक्षस है जिसका काम केवल नाश करना ही है वह धीरे धीरे कोरोना नाश करने के अलावा कुछ भी नहीं देख रहा है  कोराना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए एवं कोरोना से हुई मौतों से इस खबर को पढ़कर एव सुनकर हर किसी की रूह कांप उठेगी। कोरोना संक्रमण दिन प्रतिदिन पल-पल हर समय अपने पैर पसारता ही जा रहा है। काल कल्वित कोरोना किसी को भी नहीं छोड़ रहा है यह आप भली-भांति जानते हो जिसके चलते देश प्रदेश में करोड व्यक्ति कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं एवं लाखों व्यक्ति की जान भी जा चुकी है। 

जिसके कारण से मृतक के शव का दाह संस्कार करने के लिए श्मशान के बाहर कतार लग रही है तो कई जगह दाह संस्कार के लिए लकड़ी की भी कमी आ गई है तो कई जगह श्मशान में दाह संस्कार करने के लिए जगह तक नहीं बची । श्मशान प्रबंधक को दाह संस्कार प्लेटफार्म की बजाय दूसरे खाली पड़ी जगह पर दाह संस्कार करना मजबूरी है। एक ऐसा ही मामला रतलाम के महू रोड स्थित मुक्तिधाम में देखने को मिला है मुक्तिधाम के प्रबंधक ने मीडिया को बताया कि शवों को जलाने के लिए लकड़ियों कमी हो हो ने वाली है वही शव अंतिम संस्कार के लिए आ रहे है कि अंतिम संस्काए के लिए जगह भी नहीं बचती है उनको अन्य जगह अंतिम संस्कार करना पड़ता है। हमारे पास वर्तमान में 50 से 60 शव के अंतिम क्रियाकर्म कर शव जलाने के लिए ही लकड़िया बची हुई है । अगर लड़कियों की आपूर्ति कहीं से नहीं होती है ऐसी स्थिति में शवों के अंतिम संस्कार करने के लिए भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा 

हालांकि कि जिला प्रशासन व सरकार की हर संभव सहायता मिल रही है एवं सरकार के प्रयास भी सराहनीय जो लोगों का हिम्मत को बढ़ा कर हौसला अफजाई कर रहे हैं। लेकिन अब लोगों का भी फर्ज बनता है कि वह अपने स्वास्थ्य की अपने परिवार की चिंता कर ऐसी कोई स्थिति निर्मित नहीं होने दें जिससे स्वयं को उसके परिवार को और सरकार को परेशानियों का सामना करना पड़े। वह अपना व्यक्तिगत उत्तरदायित्व मानकर करोना गाइडलाइन का पालन करते हुए अपने अपने परिवार की सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम कर सरकार जिला प्रशासन को सहयोग करें। अन्यथा स्थितियां आपके सामने है जिसके लिए आपको कोई निमंत्रण नहीं देने आएगा मैं ओर न आप को कोई बचाने आएगा। अब आपको क्या करना है यह आपके विवेक पर निर्भर होगा हम केवल आपको सुझाव या रास्ता बता सकते हैं ।उस पर चलना अब आपकी इच्छा पर निर्भर है......

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