आदिवासी लोकगायक आनंदीलाल भावेल के सुरों ने बांधा समा
Tribal folk singer Anandilal Bhavel's melodious voice enthralled the audience.
ग्राम बालसमुद में देर रात तक चला सांस्कृतिक कार्यक्रम,गरबा और नृत्य से गूंजा वातावरण
निमरानी (जितेंद्र सिंह सोलंकी)
सकल हिंदू समाज संगठन बालसमुद के तत्वावधान में आयोजित सांस्कृतिक संध्या में आदिवासी लोकप्रिय गायक आनंदीलाल भावेल ने अपने मधुर गीतों और सुरों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम मंगलवार की रात बाजार चौक स्थित पटेल धर्मशाला परिसर में हुआ, जो देर रात तक चलता रहा। ग्राम बालसमुद ही नहीं, बल्कि आसपास के क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में ग्रामीण इस आयोजन का हिस्सा बने।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती पूजन और शिशु मंदिर की बहनों द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से हुआ। इसके बाद जब मंच पर आनंदीलाल भावेल ने सुरों की प्रस्तुति दी तो दर्शक तालियों की गड़गड़ाहट से झूम उठे।
इस अवसर पर आदिवासी समाज के गांव पटेल मोहब्बतसिंग चौहान,सरपंच प्रतिनिधि अशोक मेड़ा, सचिव योगेश बामने,दिनेश मंडलोई,नवीन पाटीदार, महेश वर्मा,चंद्रशेखर जैन, पंकज भावसार,विक्की कोठे,धन्नालाल कर्मा, जितेंद्र भालसे,दिलीप योगी, तुकाराम धनगर,सुधीर सोनी,महेश सेन,पवन प्रजापत,कड़वा नायक, भोलू राठौड़,शरद शर्मा ने समाज प्रतिनिधि के रूप में मंच पर पहुँचकर आनंदीलाल भावेल का भगवा गमछा पहनाकर आत्मीय स्वागत किया।
इस दौरान भावेल के गीतों पर महिलाओं ने पारंपरिक गरबा नृत्य किया, तो वहीं आदिवासी गीतों की धुन पर पुरुष भाई जमकर थिरके। नृत्य और गीतों से पूरा वातावरण भक्ति, उल्लास और लोक संस्कृति के रंगों से सराबोर हो उठा।
आयोजन समिति ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त करते हुए आगे भी ऐसे सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने की घोषणा की।
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