पूज्य श्री धर्मदास गण परिषद की कार्यकारिणी सभा का आयोजन Organizing the Executive Meeting of Pujya Shri Dharamdas Gana Parishad
थांदला के राष्ट्रीय अध्यक्ष भरत भंसाली सहित सैकड़ों पदाधिकारियों ने की सहभागिता
निप्र। जिनशासन के प्रमुख चार तीर्थ साधु-साध्वी, श्रावक-श्राविका की आराधना व एकरूपता के लिए जैनाचार्य पूज्य श्री उमेशमुनिजी म.सा. ने दीर्घ दृष्टि के परिणाम स्वरूप उनके आशीर्वाद से व पूज्य वर्तमान प्रवर्तक देव पूज्य श्री जिनेन्द्रमुनिजी म.सा. के कुशल निर्देशन में पूज्य श्री धर्मदास गण परिषद के माध्यम से गण के सकल जैन श्रीसंघों में नियमित आराधना का क्रम बनाने व साधर्मी सेवा संकल्पों को पूरा करने के उद्देश्यों को लेकर संगठन राष्ट्रीय अध्यक्ष भरत भंसाली के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है।
पूज्य प्रवर्तक देव की आज्ञानुवर्ती शासन प्रभाविका महासती पूज्या श्री संयमप्रभाजी म.सा. आदि ठाणा के सानिध्य में नागदा (कानवन) में गण की द्वितीय कार्यकारिणी सभा का आयोजन राष्ट्रीय अध्यक्ष भरत भंसाली (थांदला), महामंत्री शैलेश पीपाड़ा (रतलाम), राष्ट्रीय प्रवक्ता देवेंद्र गादिया (इन्दौर) व संघ अध्यक्ष अभिषेक मोदी (नागदा) के आतिथ्य में आयोजित की गई। सभा का मुख्य उद्देश्य वर्तमान में वर्ष 2025-26 त्रिरत्नों की सुमाला के अंतर्गत संघ में हो रही व्यक्तिगत व पारिवारिक वार्षिक सामयिक आराधना, पक्खी मण्डल की स्थापना, प्रतिक्रमण कंठस्थ करने व गण व युवा संगठन की सदस्यता विस्तार के साथ ही आगामी वर्ष 2026-27 के लिए आराधना की कार्ययोजना बनाना था।
संघ के प्रवक्ता देवेंद्र गादिया ने आयोजन की भूमिका बनाते हुए कहा कि गुरुदेव के हम पर असीम उपकार रहे है, आगामी 2032 गुरुदेव का जन्म शताब्दी वर्ष है जिसे हम अष्टवर्षीय आराधना के रुप में मना रहे है सभी संघों में विशिष्ट आराधना का क्रम बने इसलिए गुरुभगवंतों से मार्गदर्शन लेकर कार्ययोजना बनाई गई है जिसे हमें पूरी निष्ठा से निभाना है। गण के राष्ट्रीय अध्यक्ष भरत भंसाली ने कार्ययोजना को विस्तार देते हुए समस्त कर्यों के विकेंद्री करण करते हुए सबको संघ के कार्यों से जुड़ने पर बल दिया। भंसाली ने कहा कि सभी संघों में रत्नत्रय की आराधना हो इस हेतु प्रवर्तकश्रीजी, अणुवत्सजी व तत्वज्ञश्री से चर्चा करते जहाँ इस वर्ष हम त्रिरत्नों की माला में विशेषकर सामूहिक सामयिक आराधना के लिए संकल्पित है वही आगामी वर्ष में 11 मार्च से सामुहिक वर्षीतप की आराधना के अंतर्गत 1008 वर्षीतप आराधकों का लक्ष्य पूर्ण करने के निर्धारण के अपने अनमोल सुझाव देकर इसे कैसे पूर्ण करें इस पर चर्चा किया जाना है। वही गण का केंद्रीय कार्यालय गुरुभगवंत की जन्मस्थली थांदला में खोलें जाने का प्रस्ताव भी रखा। इस अवसर पर उपस्थित करीब 50 से अधिक संघ के पदाधिकारियों ने हर्ष-हर्ष जय-जय के ध्वनिमत से निर्णय को सर्वमान्य करते हुए अपने अपने सुझाव रखते हुए कहा कि गुरुभगवंतों के अनन्य उपकारों व उनके आशीर्वाद से यह लक्ष्य बड़ा नही है अपितु संघ ने चाहा तो इससे भी कही अधिक वर्षीतप आराधक आराधना में जुड़कर अपने आत्म कल्याण के साथ गुरुभगवंतों के प्रति अपनी सच्ची भक्ति व निष्ठा प्रदर्शित करेंगें। गण परिषद के द्वितीय अधिवेशन में राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पदाधिकारियों की समस्त संघों में प्रवास यात्रा की समीक्षा भी हुई वही गण का ट्रस्ट रुप में पंजीयन करवाने व आगामी सामूहिक वर्षीतप आराधना के पारणें के लिए पारणा स्थल, आवास व्यवस्था, टेंट, भोजन आदि अन्य राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा अनुमोदित विषयों पर भी चर्चा हुई। इस अवसर पर माधवाचार्य परीक्षा मंडल सहित गण के आय-व्यय का ब्यौरा गण के कोषाध्यक्ष संतोष चपलौद व सह कोषाध्यक्ष दीपक रुनवाल ने प्रस्तुत किया।
इस चर्चा में संघ के विभिन्न पदाधिकारियों के साथ विनोद धोखा (अंकलेश्वर), जितेंद्र घोड़ावत (थांदला), सुरेश चण्डालिया (महिदपुर), कमल चौपड़ा (खवासा), प्रेमचंद सुराणा (सेंधवा), राजकुमार पारेख (बड़नगर), अरुण वागरेचा (राजगढ़), चंद्रप्रकाश बोकड़िया, सुरेश मूणत व प्रवीण विनायक्या (बदनावर), अशोक तलेरा (थांदला), सुनील नाहर (धार) व केतन रुनवाल (इंदौर) आदि ने महत्वपूर्ण सुझाव देकर उक्त समस्त प्रस्तावों का समर्थन किया। सभा का संचालन स्थानीय संघ सचिव सुनील चौधरी ने व आभार गण के राष्ट्रीय महामंत्री शैलेश पीपाड़ा ने माना।
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तपस्विराज दिलीपमुनिजी के उपकारों को किया याद
पूज्य श्री धर्मदास गण की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष भरत भंसाली ने गण के प्रभावी वचन सिद्ध तपस्वी संत पूज्य श्री दिलीपमुनिजी व आदर्शज्योतिजी के देवलोक गमन हो जाने से संघ में हुई अपूरणीय क्षति पर उन्हें विनम्र श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उनके संघ पर अप्रितम उपकारों को याद किया। इस अवसर पर लोगस्स का ध्यान गण के मीडिया प्रभारी पवन नाहर ने कराया। गण का महत्वपूर्ण अधिवेशन नागदा संघ को मिलने से अभिभूत संघ ने गण के वरिष्ठ अतिथि पदाधिकारियों सहित आमंत्रित समस्त सदस्यों का धन्यवाद मानते हुए शाल माला से सम्मान किया गया।
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