तिरंगे में लिपटा बेटा गॉड का ओनर के साथ अंतिम विदाई Wrapped in the tricolour, son bids final farewell to God's owner

तिरंगे में लिपटा बेटा गॉड का ओनर के साथ अंतिम विदाई Wrapped in the tricolour, son bids final farewell to God's owner

   दबंग देश शब्बीर मंसूरी

नरसिंहपुर/ नरसिंहपुर जिले के ग्राम तिंदनी निवासी ऋषिकांत विश्वकर्मा, जो कर्नाटक में भारतीय वायुसेना (Air Force) में अपनी सेवाएं दे रहे थे, एक दर्दनाक सड़क दुर्घटना में वीरगति को प्राप्त हो गए। ऋषिकांत 6 जून को अपनी बहन की शादी में शामिल होने के लिए छुट्टियों पर अपने गांव आए थे। लेकिन किसे पता था कि यह उनका अंतिम आगमन होगा।



इस दुःखद हादसे के बाद जब ऋषिकांत का पार्थिव शरीर उनके गृहग्राम लाया गया, तो पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। भारतीय वायुसेना की टीम ने गांव पहुंचकर उन्हें पूरे सैन्य सम्मान के साथ गार्ड ऑफ ऑनर दिया। ऋषिकांत को तिरंगे में लपेट कर अंतिम विदाई दी गई। 

गांव के हर कोने से लोग उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए। युवाओं, बुजुर्गों, बच्चों और महिलाओं की आंखों में आंसू थे, लेकिन दिल में गर्व था कि उनका बेटा देश की सेवा करते हुए अमर हुआ। अंतिम यात्रा के दौरान “ऋषिकांत अमर रहें” और “भारत माता की जय” के नारों से पूरा गांव गूंज उठा।

पार्थिव शरीर को गांव के मुक्ति धाम ले जाया गया, जहां पूरे सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम विदाई के समय गांव के लोगों ने पुष्प अर्पित कर ऋषिकांत को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि दी।"

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